मुशानझोरवा गांव का दृश्य (फोटो नवभारत)
Gondia Tribal Village Infrastructure News: गोंदिया जिले के अजुर्नी में राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 6 पर बाह्मणी-खड़की मार्ग पर ग्राम मुशानझोरवा गांव सारई पहाड़ी की गोद में बसा एक छोटा आदिवासी ग्राम है, जो चारों ओर से जंगल से घिरा हुआ है। ग्रामीणों के लिए बनाई गई चावड़ी दस बाई दस की है। इसमें अब तक कोई दरवाजा नहीं है। हालांकि गांव में गटर नालियों का निर्माण किया गया, लेकिन घटिया निर्माण के कारण नालियों के ढक्कन टूट रहे हैं।
इसके अलावा इन नालियों की सफाई और गंदगी की निकासी नहीं होने से जमा पानी लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते जा रहा है। इसके अलावा महामार्ग क्र. 6 से खड़की टोला तक पक्की सड़कें हैं लेकिन गांव में प्रवेश करने के लिए कच्ची सड़क का उपयोग करना पड़ता है।
ग्रामीणों की मांग है कि 750 मीटर की यह पक्की सड़क बनाई जाए। इस गांव की जनसंख्या 50 से कम है। जिसमें गोंड समाज के लोग एक साथ रहते हैं। सभी परिवार गरीबी रेखा से नीचे हैं और उनके पास रहने के लिए पक्का घर नहीं है। अधिकांश परिवार आश्रय की प्रतीक्षा कर रहे हैं क्योंकि उनके घर गिर गए हैं।
अधिकांश खेत नवेगांव-नागझिरा अभ्यारण्य से सटे हुए हैं। जिससे सतत वन्य प्राणियों का भय बना रहता है। उसके कारण ग्रामीणों को कृषि से अधिक आय नहीं हो रही है। यहां के लोगों को शासकीय व अर्धशासकीय कार्य तथा बाजार के लिए 15 किमी की दूरी पर सड़क अर्जुनी तहसील के स्थान पर जाना पड़ता है।
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सड़क पर जंगल होने के कारण भालू, तेंदुआ और जंगली सुअर जैसे जंगली जानवरों का हमेशा विचरण रहता है। ग्रामीणों के अनुसार इस क्षेत्र में आज तक कोई अधिकारी व जनप्रतिनिधि नहीं आया है। सड़क अर्जुनी तहसील का एक आदिवासी गांव मुशानझोरवा आज भी विकास की राह देख रहा है।
सड़क अर्जुनी पंचायत समिति व ग्राम पंचायत खड़की के अंतर्गत आने वाला गांव मुशानझोरवा में विकास के नाम पर मिलने वाली राशि का उपयोग नहीं होने से ग्राम की हालत पहले जैसी है। ठक्कर बापा योजना के तहत बनाया गया सीमेंट मार्ग घटिया स्तर का है और ढलान नहीं भरने से ग्रामीण व उनके पालतू जानवर घायल हो रहे हैं।
मुशानझोरवा एक छोटा आदिवासी ग्राम है, जो चारों ओर से जंगल से घिरा हुआ है। इस गांव में प्रशासन की योजना नहीं पहुंच पा रही है। जिससे गांव पीछड़ता जा रहा है। गांव को विकास की धारा में लाने के लिए पहल की आवश्यकता है। जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान दें, ऐसी मांग ग्रामीणों ने की है।