प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया)
Gondia News In Hindi: बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सरकार ने कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों में महिला शिक्षिकाओं की उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। इसके बावजूद, गोंदिया जिले में चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है, जहाँ कुल 1,642 स्कूलों में से 645 स्कूलों में एक भी महिला शिक्षिका नहीं है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि इन स्कूलों में छात्राओं की समस्याओं को कौन समझेगा और उनकी काउंसलिंग कैसे होगी।
यह माना जाता है कि छात्राएं अपनी परेशानियों और समस्याओं को महिला कर्मचारियों या शिक्षिकाओं के साथ ज्यादा सहजता से साझा कर पाती हैं। पुरुष कर्मचारियों के सामने वे अक्सर अपनी बात कहने में हिचकिचाती हैं, जिसके कारण कई बार अप्रिय घटनाएं घटित होती हैं। स्कूलों और छात्रावासों में महिला कर्मचारियों की कमी को ऐसी घटनाओं का एक मुख्य कारण माना जा रहा है।
इस गंभीर मुद्दे पर, शिक्षाधिकारी सुधीर महामुनि ने कहा कि हाल ही में महिलाओं और लड़कियों पर अत्याचार की घटनाओं को देखते हुए स्कूलों में महिला शिक्षकों की नियुक्ति जरूरी है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि दूरदराज के इलाकों में महिला शिक्षकों की नियुक्ति न करने से संबंधित पत्र हैं, जिससे हर स्कूल में महिला शिक्षक उपलब्ध कराना मुश्किल हो रहा है।
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यह स्थिति छात्राओं की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है। जब तक स्कूलों में महिला कर्मचारी पर्याप्त संख्या में नहीं होंगी, तब तक छात्राओं को सही समय पर परामर्श और समर्थन मिलना संभव नहीं होगा।