खेत में पलटी एसडीएम की गाड़ी (फोटो नवभारत)
Attack On Bhandara SDM Madhuri Tikhe: भंडारा जिले के रेत माफिया ने गुरुवार तड़के 5 बजे कार से उनका पीछा कर रही भंडारा एसडीएम पर बोलेरो से जानलेवा हमला कर जान से मारने की कोशिश की। इस सनसनीखेज वारदात के बाद जिले में हड़कंप मच गया।
हादसे में गंभीर जखमी एसडीएम माधुरी तिखे और उनके पति शाहबाज शेख को जिला अस्पताल के आयसीयू में भर्ती किया गया है। हादसा तब हुआ, जब भंडारा एसडीएम माधुरी विठ्ठल तिखे की शासकीय गाड़ी चांदोरी–पचखेड़ी मार्ग पर सड़क से नीचे पलट गई।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एसडीएम माधुरी तिखे (32) अपने पति शाहबाज शेख (32) के साथ अवैध रेत परिवहन की जांच के लिए मौके पर रवाना हुई थीं। उन्हें पहले ही रेत तस्करों से संबंधित गुप्त सूचना मिली थी।
पीछा करते समय वाहन नियंत्रण से बाहर हो गया और पलटने से एसडीएम और उनके पति गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को तत्काल भंडारा जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
पुलिस के अनुसार, घटना उस समय हुई जब तिखे अपनी सफेद अर्टीगा (क्र. एमएच-36-एआर 0578) से दवडीपार से पचखेड़ी स्मशानभूमि रोड की ओर रेत अवैध परिवहन की जांच के लिए जा रही थीं। इसी दौरान ट्रक (क्र. एमएच-36-एए-106) संदिग्ध स्थिति में रेत ले जाते हुए दिखाई दिया।
‘महाखनिज’ मोबाइल ऐप के माध्यम से जांच करने पर यह स्पष्ट हुआ कि ट्रक में भरी रेत की रॉयल्टी नहीं भरी गई थी, अर्थात यह रेत अवैध रूप से परिवहन की जा रही थी। इस जानकारी के बाद तिखे ने ट्रक का पीछा शुरू किया।
इसी दौरान बोलेरो (क्र. एमएच-36-एएल-2853) के चालक ने जानबूझकर ट्रक की सुरक्षा के लिए तिखे की कार के सामने गाड़ी लगाकर रास्ता अवरुद्ध किया। आरोपी ने अत्यधिक गति से वाहन चलाया, कई बार ब्रेक मारकर और कट मारते हुए एसडीएम की अर्टीगा को सड़क से नीचे धकेलने का प्रयास किया।
पचखेड़ी स्मशानभूमि के पास वाय पॉइंट पर अचानक ब्रेक मारने से तिखे का वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया। इस घटना में एसडीएम और उनके पति दोनों गंभीर रूप से घायल हुए।
एसडीएम माधुरी तिखे ने बताया कि ट्रक चालक और बोलेरो चालक ने मिलकर यह षड्यंत्र रचा ताकि कार्रवाई में बाधा आए और उन्हें जान से मारने का प्रयास किया जा सके। हादसे के तुरंत बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
माधुरी तिखे के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर कारधा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। जांच का जिम्मा एपीआई प्रशांत साखरे को सौंपा गया है। पुलिस ने मामला गंभीर मानते हुए जांच शुरू कर दी है, लेकिन अब तक दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
इस घटना ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना न केवल अवैध रेत खनन और गिरोहों की सक्रियता को उजागर करती है, बल्कि अधिकारियों की कार्यप्रणाली, उनकी सुरक्षा और प्रशासनिक पारदर्शिता पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है। जिले में चर्चा है कि यदि एसडीएम शासकीय वाहन में थीं, तो ड्राइवर की जगह निजी व्यक्ति की मौजूदगी क्यों थी।
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हादसे के बाद साकोली एसडीएम के कार्यालय की संदेहास्पद कार्यप्रणाली भी चर्चा का विषय बनी। सूत्रों के अनुसार, साकोली एसडीएम के ड्राइवर, जो स्थानीय निवासी हैं, ने कथित तौर पर कुछ तस्करों के साथ मिलकर अवैध खनिज और रेत परिवहन को संरक्षण दिया जिससे नियमों के अनुसार रॉयल्टी भरने वाले व्यवसायियों को अड़चनों का सामना करना पड़ा।
इस प्रकार की घटनाओं से राजस्व विभाग की साख प्रभावित हो रही है और कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है। अधीनस्थों पर अनुचित दबाव डालकर नोटिसों के माध्यम से प्रताड़ना किए जाने के आरोप भी उठ रहे हैं।
अंततः यह सवाल उठता है कि जब प्रशासनिक व्यवस्था ही शक के घेरे में हो, तो अवैध रेत तस्करी और वसूली के खिलाफ वास्तविक कार्रवाई कौन करेगा। जिले में आम जनता और कर्मचारियों के बीच इस पूरे प्रकरण ने गहरी चिंता पैदा कर दी है।