
गोंदिया. तहसील के ग्राम झिलमिली व परसवाड़ा स्थित तालाब परिसर में प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी नवंबर-दिसंबर माह में बड़ी संख्या में विदेशी मेहमानों का आगमन हुआ है. मुख्य रूप से विदेशी पक्षियों में ग्रे लेग गुज, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, कॉमन क्रेन, नार्दन शावलर, नार्दन पिंटेल, गार्गनी, ब्लेक हेडेड, वाईट आईबीज, यूरेशियन विजेन तथा देशी पक्षियों में सारस, ओपन बिल स्टॉर्क, पर्पल मोरहेन, लेसर पिसलिंग डक, कॉमन कुट, कॉटन पिगनी गुज, फिजेंट टेल्ड जकाना आदि प्रजातियों के पक्षियों का समावेश है.
यूरोप, मंगोलिया, रशिया, साइबेरिया आदि देशों के साथ हिमालय व आसपास क्षेत्रों से हजारों मील का लंबा सफर तय कर पहुंचे इन देश-विदेश से आए रंग-बिरंगी पंछियों को देखने के लिए यहां तालाब परिसर में पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही हैं.
अगले कुछ दिनों में और कुछ पंछियों का आगमन होगा, जिससे प्रकृति प्रेमियों को बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पक्षी देखने का अवसर मिलेगा. उल्लेखनीय है कि गोंदिया जिला तालाबों के जिले के रूप में विख्यात है. यहां के तालाबों में जैवविविधता काफी समृध्द होने के कारण प्रतिवर्ष नवंबर-दिसंबर माह में बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी स्थानांतरित होकर यहां पहुंचते हैं. इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि उनके अधिवास क्षेत्र में इस मौसम में बर्फबारी का होना है.
बर्फबारी होने से वहां खाद्य पदार्थों की उपलब्धता में कमी आ जाती है. स्थानांतरित पक्षी मुख्य रूप से नवंबर से फरवरी माह के बीच यहां आते हैं व फरवरी माह के अंत में वापस अपने-अपने देशों की ओर रवाना हो जाते हैं. जिले में मुख्य रूप से अर्जुनी मोरगांव तहसील के नवेगांवबांध, श्रृंगारबंद, गोंदिया तहसील के परसवाड़ा, झिलमिली, बाजारटोला, लोहारा, माकड़ी, गोरेगांव तहसील के सलंगटोला, घुमर्रा, कटंगी, आमगांव तहसील के नवतालाब व सालेकसा तहसील के झालिया के जलस्त्रोंतों में इन दिनों विदेशी मेहमान दिखाई पड़ रहे हैं.
वन विभाग द्वारा वन परिक्षेत्र अधिकारी व क्षेत्र सहायक अधिकारी के मार्गदर्शन में गोंदिया तहसील के झिलमिली तालाब परिसर में पक्षियों के लिए 10 प्रकार की घास लगाई जाएगी. इस कार्य के लिए डीपीडीसी अंतर्गत करीब 5 लाख रुपए की निधि खर्च किए जाने की बात बताई. गई है. घास में परसुड, हरक, कमल, शिमनी फुल, लेंडुर्ली, हेडंगो, दात्या, सावा, कईस, उरसली का समावेश है.






