प्रशांत वाघमारे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
गड़चिरोली: आगामी स्थानीय स्वराज्य संस्था के चुनाव के मद्देनजर भाजपा द्वारा संपूर्ण राज्य में संगठन मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। जिसके अनुसार राज्य में पार्टी के नये जिलाध्यक्ष नियुक्त किये जा रहे है। इसके लिये हाल ही में पार्टी द्वारा मुलाखत की प्रक्रिया भी ली गई। इस बीच मंगलवार को पार्टी द्वारा नये जिलाध्यक्ष की सूची भी तैयार की गई। लेकिन इसमें गड़चिरोली के जिलाध्यक्ष का नाम नहीं है। जिससे वर्तमान जिलाध्यक्ष प्रशांत वाघरे को राहत मिलने की बात कही जा रही है।
महाराष्ट्र प्रदेश भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेश चुनाव अधिकारी विधायक चैनसुख संचेती के हस्ताक्षर से भाजपा के राज्य भर के अनेक जगहों पर जिलाध्यक्ष की सूची घोषित की गई। इसमें विदर्भ समेत मुंबई, उत्तर महाराष्ट्र, मराठवाडा विभाग के नये जिलाध्यक्ष के नामों का समावेश है। इसमें गड़चिरोली का समावेश नहीं किया गया।
वर्तमान में गड़चिरोली के भाजपा जिलाध्यक्ष के रूप में प्रशांत वाघरे जिम्मेदारी संभाल रहे है। वहीं ओबीसी चेहर के रूप में आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में उन्होंने भाजपा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वहीं उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है।
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लेकिन भाजपा के निरीक्षक ने जिला मुख्यालय गड़चिरोली में हाल ही में नये जिलाध्यक्ष के चयन प्रक्रिया संदर्भ में बैठक ली। इस समय अनेक इच्छूकों ने दावेदारी पेश की। इस बैठक में पूर्व सांसद डा. अशोक नेते, विधायक डा. मिलिंद नरोटे, पूर्व विधायक डा. देवराव होली, डा. नामदेव उसेंडी, पूर्व विधायक कृष्णा गजबे आदि समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
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जिसके कारण जिले में भाजपा जिलाध्यक्ष के रूप में नया चेहरा देखने मिलेगा, ऐसी चर्चा शुरू थी। लेकिन भाजपा द्वारा घोषित की गई नये जिलाध्यक्ष के पहले सूची में गड़चिरोली का नाम नहीं होने से आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। गड़चिरोली-चिमुर लोस क्षेत्र समेत जिले के अहेरी, आरमोरी व गड़चिरोली इन तीनों विस क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। जिससे पार्टी संगठन स्तर पर अन्य घटक को नेतृत्व का मौका मिले, ऐसी चर्चा हमेशा ही सुनने मिलती है।