गड़चिरोली कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते राजस्व विभाग के कर्मचारी (फोटो नवभारत)
Gadchiroli Revenue Officer Strike News: महाराष्ट्र राज्य राजस्व अधिकारी व कर्मचारी समन्वय महासंघ के आह्वान पर आज, शुक्रवार से संपूर्ण राज्य के साथ-साथ गडचिरोली जिले में भी राजस्व विभाग के कामकाज पर ब्रेक लग गया है। अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने बेमियादी कामबंद आंदोलन (Strike) का बिगुल फूंक दिया है। इस संदर्भ में महासंघ के पदाधिकारियों ने अपर जिलाधिकारी नितिन गांवडे के माध्यम से राज्य सरकार को अंतिम ज्ञापन सौंपा है।
राजस्व कर्मियों का आरोप है कि पिछले कई वर्षों से उनकी जायज मांगों की ओर सरकार अनदेखी कर रही है। ज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि राज्य स्तर पर लिए गए निर्णय के अनुसार 16 दिसंबर को ही इसकी नोटिस प्रशासन को दे दी गई थी। आंदोलन के मुख्य बिंदुओं में शामिल हैं:
इस हड़ताल में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, मंडल अधिकारी, पटवारी (तलठी) और राजस्व सेवक संवर्ग के सभी कर्मचारी शामिल हैं। जिला कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपते समय राहुल जाधव, गणेश माली, चंदू प्रधान, और विकास कुमरे सहित महासंघ के विभिन्न गुटों के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। आंदोलन के कारण आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, भूमि संबंधी दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्य पूरी तरह प्रभावित होने की संभावना है, जिससे आम जनता की परेशानियां बढ़ सकती हैं।
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महासंघ के नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार हमारी मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक कामबंद आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा। पदाधिकारियों ने एकजुटता दिखाते हुए कहा कि जिले के सभी तहसीलों में इस हड़ताल का व्यापक असर दिखाई देगा। प्रशासन को अब यह तय करना है कि वह बातचीत के जरिए इस गतिरोध को कब खत्म करता है। फिलहाल, गडचिरोली के सरकारी कार्यालयों में सन्नाटा पसरा हुआ है और कर्मचारियों ने दफ्तरों के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।