
गड़चिरोली न्यूज
UDID Fraud Maharashtra: फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने वाले जिला परिषद के 4 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। प्रशासन ने निलंबित कर्मचारियों के नाम, पद और विभाग का खुलासा नहीं किया है। इसके अलावा जिले में 35 अन्य कर्मचारी संदेह के दायरे में हैं। जिला परिषद के अंतर्गत कुल 195 कर्मचारियों की मुंबई के जेजे अस्पताल में मेडिकल जांच कराई गई थी।
इस जांच में 35 कर्मचारी संदिग्ध पाए गए हैं और उनकी विस्तृत जांच जारी है। सूत्रों के अनुसार, अगले चरण में मेडिकल रिपोर्ट और दस्तावेजों की छानबीन के बाद और भी निलंबन व अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावना है। खास बात यह है कि अधिकारियों द्वारा केवल कार्रवाई होने की पुष्टि की जा रही है, लेकिन विस्तृत जानकारी देने से बचा जा रहा है।
अहेरी नगरपालिका के मुख्याधिकारी गणेश शहाणे पर भी फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने का गंभीर आरोप है, जिसकी शिकायत लोक सेवा आयोग तक पहुंच चुकी है। सामान्य प्रशासन विभाग के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं हो रही, यह सवाल कांग्रेस के विधानमंडल नेता विजय वडेट्टीवार ने विधानसभा में उठाया है।
इसी तरह, फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र के आधार पर शासकीय नौकरी पाने वाले साकोली तालुका के एक ग्राम राजस्व अधिकारी को जिलाधिकारी ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्त अधिकारी का नाम सुरेंद्र दुलीचंद बालबुधे है।
यह भी पढ़ें – 2 मंत्री, 10 विधायक और 1355 कर्मचारी शीतकालीन सत्र में पड़े बीमार, नागपुर की ठंड नहीं आई रास
बालबुधे 2005 से 50 प्रतिशत श्रवण बाधित होने के प्रमाणपत्र के आधार पर सेवा में थे। पुनः जांच में उनका दिव्यांगत्व केवल 10 प्रतिशत पाया गया। कारण बताओ नोटिस के जवाब में उन्होंने इलाज के कारण दिव्यांगत्व कम होने की दलील दी थी।
इस संबंध में गड़चिरोली के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुहास गाडे ने कहा है कि यूडीआईडी (UDID) प्रमाणपत्र के मामले में किसी भी प्रकार की समझौता नहीं किया जाएगा। 4 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है और अन्य की जांच जारी है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।






