गड़चिरोली शिवाजीराजे मोघे (सौजन्य-नवभारत)
Gadchiroli News: गड़चिरोली जिला 26 अगस्त को अपना 43वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस अवसर पर जिले की निर्मिति का श्रेय पूर्व मंत्री व मेरे सहकारी दिवंगत डॉ. श्रीकांत जिचकार को जाता है। वे गड़चिरोली जिले के असली शिल्पकार थे, ऐसा मत पूर्व पालकमंत्री शिवाजीराव मोघे ने व्यक्त किया। मोघे ने कहा कि गड़चिरोली जिला बनने के बाद अगले 18 वर्षों तक महाराष्ट्र में कोई दूसरा जिला नहीं बना।
यदि उस समय डा. जिचकार ने पहल न की होती और तत्कालीन मुख्यमंत्री बैरिस्टर बाबासाहब भोसले ने तात्कालिक निर्णय न लिया होता तो गड़चिरोली जिला बनने का प्रश्न अधूरा रह जाता। पूर्व मुख्यमंत्री ए. आर. अंतुले के समय कुलाबा जिले का नाम बदलकर रायगढ़ किया गया था तथा बड़े जिलों – रत्नागिरी का विभाजन कर सिंधुदुर्ग तथा उस्मानाबाद का विभाजन कर लातूर जिला अस्तित्व में आया।
उसी तरह विदर्भ में आदिवासी बहुल व विशाल चंद्रपुर जिले का विभाजन कर गड़चिरोली जिला बनाने की मांग तेज हो गई थी, परंतु अंतुले का कार्यकाल छोटा रहा और विषय ठंडे बस्ते में चला गया। बाद में भी बाबूराव मडावी, मारोतराव कोवासे, पेंटारामा तलांटी तथा तत्कालीन सांसद शांताराम पोटदुखे लगातार प्रयासरत रहे। लेकिन नए जिले का निर्माण सरकारी खजाने पर करोड़ों का बोझ समझकर तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबासाहब भोसले ने नए जिले बनाने पर रोक लगा दी।
इसी बीच नांदेड़ के पालकमंत्री रहे शिवाजीराव मोघे ने अपने करीबी संबंधों के कारण डा. जिचकार से चर्चा की। जिचकार उस समय मुख्यमंत्री के सलाहकार व गृह राज्यमंत्री थे। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर मोघे ने डॉ. जिचकार को अलग जिले की आवश्यकता समझाई। इसके बाद डा. जिचकार ने पूरी निष्ठा से मुख्यमंत्री के सामने गड़चिरोली जिले का प्रबल पक्ष रखा और अंततः मुख्यमंत्री भोसले ने चंद्रपुर जिले के विभाजन को मंजूरी दी। वहीं राजस्व विभाग को तत्काल सर्वेक्षण कर मुख्यालय का निर्धारण किया।
अंततः ग्रामपंचायत स्तर के गड़चिरोली को ही मुख्यालय घोषित किया गया तथा 26 अगस्त 1982 को गड़चिरोली जिला आधिकारिक रूप से महाराष्ट्र राज्य में शामिल हो गया। उद्घाटन समारोह के दिन भारी वर्षा के बावजूद नागरिकों का उत्साह व्यापक था। आदिवासी समाज परंपरागत वेशभूषा में उपस्थित हुआ। मंत्री भगवंतराव गायकवाड के हाथों उद्घाटन संपन्न हुआ।
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इस अवसर पर शिवाजीराव मोघे तथा डा. श्रीकांत जिचकार मंत्री के रूप में उपस्थित थे। आगे चलकर गड़चिरोली के पहले पालकमंत्री बनने का सौभाग्य मोघे को मिला। स्थापना दिवस पर मोघे ने याद दिलाया कि डा. श्रीकांत जिचकार का योगदान अविस्मरणीय है। पहले जिलाधिकारी रत्नाकर गायकवाड के सहयोग से जिले के विकास की मजबूत नींव रखी गई।