
एयरपोर्ट (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Gadchiroli Investment: गड़चिरोली में विमानतल निर्माण का सरकार निर्णय पहले ही मंज़ूर किया जा चुका था। इसके लिए पुलखल क्षेत्र की कृषि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हुई थी। लेकिन स्थानीय किसानों द्वारा जमीन देने से स्पष्ट इनकार किए जाने के कारण प्रक्रिया अधूरी रह गई है। और विमानतल परियोजना का संपूर्ण नियोजन लगभग ठप पड़ गया है।
किसानों का कहना है कि कोटगल बांध के कारण भविष्य में क्षेत्र को पर्याप्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकती है। सालभर पानी उपलब्ध रहने से कई प्रकार की फसलें ली जा सकेगी। यदि जमीन चली गई तो कृषि आधारित रोजगार समाप्त हो जाएगा। खेती के माध्यम से कई लोगों को काम मिलता है।
जमीन बेचने पर पैसे तो मिलेंगे, लेकिन भविष्य में उनके बच्चों के सामने रोजगार का बड़ा संकट खड़ा होगा। इसी चिंता के चलते किसानों ने विमानतल निर्माण के लिए अपनी भूमि देने से विरोध जताया है। इसी कारण लगभग एक वर्ष से यह प्रस्ताव लंबित है। और भूमि खरीद की प्रक्रिया दोबारा शुरू करने को लेकर भी कोई पहल दिखाई नहीं दे रही है।
गड़चिरोली में सुरजागड़ लौह परियोजना के कारण औद्योगीकरण की गति तेज होती दिखाई दे रही है। चामोर्शी तहसील के जेएसडब्ल्यू कंपनी भी उद्योग स्थापित करने की दिशा में प्रयासरत है। झेंडेपार, भामरागड़ तथा अहेरी तहसीलों में भी औद्योगिक इकाइयां शुरू करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है।
भविष्य में जिले में उद्योगों और व्यापार के बढ़ते दायरे को देखते हुए विमानतल को अत्यावश्यक माना जा रहा था। लेकिन हवाई संपर्क न होने के कारण संभावित निवेश की गति धीमी पड़ सकती है, ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है।
गड़चिरोली का जंगल पर्यटन, साहसिक पर्यटन और सांस्कृतिक पर्यटन इन सभी को यदि हवाई संपर्क मिलता, तो यह क्षेत्र बड़ी तेजी से विकसित हो सकता था। अब जबकि जिले से नक्सलवाद लगभग समाप्त हो चुका है, पर्यटन के लिए व्यापक अवसर मौजूद हैं। विमानतल निर्माण प्रक्रिया ठप पड़ने से पर्यटन विकास भी सीमित रह जाने की संभावना है।
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प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, वैकल्पिक भूमि के चयन पर अनौपचारिक चर्चा जरूर हुई है, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है। इसलिए यह सवाल उठने लगा है कि गड़चिरोली को स्वीकृत विमानतल वास्तव में मिलेगा या नहीं।
कृषि भूमि उपलब्ध नहीं हो रही है, लेकिन शहर के आसपास बड़ी मात्रा में झाड़ीदार वनभूमि मौजूद है। यहां पहले भी एक बार विमानतल का प्रारंभिक प्रस्ताव तैयार किया गया था। बाद में पुलखल क्षेत्र की कृषि भूमि खरीदने की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
जमीन का माप, अधिग्रहण और किसानों को मिलने वाले मुआवजे को भी शासन की मंज़ूरी मिल चुकी थी, लेकिन किसानों के विरोध के कारण गड़चिरोली में विमानतल निर्माण की प्रक्रिया फिलहाल पूरी तरह रुक गई है।






