गड़चिरोली किसान समूह (सौजन्य-नवभारत)
गड़चिरोली: महाराष्ट्र में गड़चिरोली के चामोर्शी तहसील के किसानों ने खुद एक पत्र परिषद के जरिए अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की है। यहां के किसानों की मांग है कि सरकार इन्हें भूमिहीन न करें। किसानों का कहना है कि चार्मोशी तहसील के कुनघाडा रै. के कायम निवासी होने के चलते हमें वनहक कानून के तहत जिलाधिकारी के हस्ताक्षर से वनहक पट्टे प्रदान किए गए है।
किसान का कहना है कि अतिक्रमित खेत जमीन यह पैतृक जमीन है। इस पर हमारे संपूर्ण परिवार का जीवनयापन हो रहा है। लेकिन सरकार ने हमारे वन जमीन को मिले वनपट्टे खारिज कर जमीन का कब्जा छोड़ने का पत्र जारी किया है, जिससे हम किसानों पर व्यापक अन्याय हो रहा है। वनपट्टे के साथ जमीने हमसे वापस मांगकर हमें भूमिहीन न करें, ऐसी मांग अन्यायग्रस्त किसानों ने पत्रपरिषद के माध्यम से सरकार से की है।
पत्रपरिषद में किसानों ने बताया कि, हम किसान अनेक पीढ़ियों से वन जमीन पर अतिक्रमण कर खेती कर रहे है। इस खेती के माध्यम से मिलने वाले उत्पन्न से जीवनयापन कर रहे है। सरकारी निर्णय के तहत वर्ष 2011-2012 कालावधि में वन कानून के तहत वनहक दावे प्रदान किए गए थे। इसके बाद मुल निवासी नहीं होने के कारण पर करीब 12 से 13 वर्ष बाद जिलाधिकारी व सहायक वनसंरक्षक द्वारा अतिक्रमण संदर्भ में पत्राचार होने पर मूल निवासी के तौर पर 3 पीढ़ियों का सबुत व अन्य सबुत पेश किए थे।
जिससे जिलाधिकारी ने 11 फरवरी 2025 को सुनवाई आयोजित की, प्रशासकीय दिक्कतों के कारण यह सुनवाई रद्द हुई, वहीं सुनवाई 20 फरवरी को ली गई। हमारा कहना सुना गया। इसके बाद 17 अप्रैल को जिलाधिकारी के आदेश पर वनपट्टे खारीज करने संदर्भ का पत्र मिला और पुनर्मूल्यांकन के बाद वनपट्टे खारिज किए गए। वनविभाग ने अतिक्रमित वनजमीन पर व्यक्तिगत साहित्य व जमीन पर कब्जा छोड़ने के आदेश दिए है, इस संदर्भ में उच्च न्यायालय में गुहार लगाने के लिए भी समय नहीं मिला। इस संदर्भ में अस्थायी स्थगिति देने संदर्भ में आवेदन किया गया है। ऐसी जानकारी अतिक्रमण धारक किसानों ने दी है। जिससे हमारे रद्द हुए वनहक दांवे पूर्ववत करें, हमारे खेती का कोई नुकसान न करें, हमें भूमिहीन न करें ऐसी मांग अन्याग्रसत किसानों ने की है।
इस दौरान किसानों ने भूमिहीन न करने की मांग की है, अन्यथा जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना आंदोलन व बेमियादी अनशन करने की चेतावनी अन्यायग्रस्त किसानों ने दी है। पत्रपरिषद में माल्लेर माल के सरपंच वसंत चलाख, वासुदेव सुरजागडे, हरिश्चंद्र सुरजागडे, गणेश सुरजागडे, विकास कुकडे, सुरेश सुरजागडे, मनोहर कुनघाडकर, पंकज भांडेकर, विकेश सुरजागडे समेत आदि किसान उपस्थित थे।