उपमुख्यमंत्री अजित पवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (फोटो: ANI)
मुंबई. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान अनौपचारिक बातचीत करते हुए खुलासा किया था कि महायुति सरकार में शामिल होने के लिए वे वेश बदल कर दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मिलने जाते थे। उनके इस खुलासे के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है।
शिवसेना उद्धव गुट के सांसद व प्रवक्ता संजय राउत ने अजीत पवार के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है। तो वहीं राकां नेता शरद पवार की सांसद बेटी सुप्रिया सुले ने इस मामले में एयरपोर्ट प्रशासन, एयरलाइंस और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को कटघरे में खड़ा किया है। विरोधियों ने इस मुद्दे को सीधे तौर पर आतंकवाद से जोड़ते हुए मामले की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कराने की मांग की है।
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अजीत पवार ने कहा था कि महायुति सरकार में शामिल होने से पहले मैं 10 बार वेश बदलकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने दिल्ली गया था। उनके इस इकरार से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उस इकरार की यादें ताजी हो गईं और इसी के साथ विपक्षी महाविकास आघाड़ी में शामिल राकां (शरद पवार) व शिवसेना (उद्धव गुट) के जख्म भी हरे हो गए। इन दोनों पार्टियों को जख्म छद्मवेश बनाकर ही दिए गए थे। सीएम शिंदे और डीसीएम फडणवीस भी अजीत की तरह पहले ही कबूल कर चुके हैं कि शिवसेना में बगावत का बिगुल बजाने से पहले वे देर रात के बाद वेश बदल कर मिलते थे।
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राउत ने आरोप लगाया है कि शिवसेना में बगावत से पहले एकनाथ शिंदे भी मौलवी का वेश बदलकर शाह से मिलने दिल्ली गए थे। अजीत पवार और एकनाथ शिंदे ने फर्जी पहचान पत्र भी बनवाए थे। राउत ने कहा कि इससे साफ हो गया है कि एयरपोर्ट पर सुरक्षा स्थिति काफी कमजोर हो गई है। कोई भी व्यक्ति फर्जी नाम और वेश बदलकर हवाई अड्डे में प्रवेश कर सकता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ बड़ा खिलवाड़ है और इसमें इस देश और महाराष्ट्र के गृह मंत्री शामिल हैं। इससे प्रेरणा लेकर आतंकवादी भी घुसपैठ कर सकते हैं। मुझे नहीं पता कि इस तरह से दाऊद कितनी बार आया होगा?