ट्रंप से मस्क की तनातनी से फडणवीस को लग सकता है झटका (pic credit; social media)
मुंबई: महाराष्ट्र को एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के प्रयासों में जुटे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला के मालिक एलन मस्क से ढेरों उम्मीदें लगाए बैठे हैं। क्योंकि मस्क ने भारत में खासकर महाराष्ट्र में निवेश में दिलचस्पी दर्शाई है।
मस्क की कंपनी टेस्ली की भारत में एंट्री की तैयारी जोरशोर से चल रही है। कंपनी ने मुंबई के बीकेसी में अपना कार्यालय खोलने तथा सातारा में प्रोडक्शन का काम शुरू करने का निर्णय लिया है। लेकिन इसी बीच ‘वन बिग ब्यूटीफुल’ बिल के दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया के सबसे बड़े उद्योगपति एलन मस्क के बीच तल्खी बढ़ने लगी है। इस वजह से फडणवीस के प्रयासों को झटका लगने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
फडणवीस के प्रयासों को झटका’
टेस्ला भारतीय ईवी बाजार में प्रवेश करने के लिए महाराष्ट्र के सतारा में सीकेडी असेंबली प्लांट स्थापित करने की योजना बना रही है। कंपनी का लक्ष्य एक पूर्णतया नॉक्ड डाउन (सीकेडी) इकाई संयंत्र स्थापित करना है, जो विभिन्न स्थानों से भेजे गए घटकों से वाहनों को असेंबल करेगा। रिपोर्टों के अनुसार, इलेक्ट्रिक कार मेकर ने मुंबई में अपना पहला शोरूम खोलने के लिए एक लीज पर डील के हस्ताक्षर कर लिए हैं। भारत में टेस्ला का पहला शोरूम बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के मेकर मैक्सिटी बिल्डिंग में खुलेगा। इसके लिए टेस्ला ने 16 फरवरी 2025 से 5 साल के लीज साइन किया है, जिसमें पहले साल तक 372 वर्ग मीटर की जगह के लिए 38,872,030 तक का किराया दिया जाएगा। यह जगह एक बास्केटबॉल कोर्ट के आकार जितनी बड़ी है। इसके अतिरिक्त, टेस्ला भारत में विभिन्न कार्यों में 30 से अधिक पदों के लिए सक्रिय रूप से भर्ती कर रही है, जो एक मजबूत बाजार उपस्थिति के लिए अपनी प्रतिबद्धता का संकेत देता है।
ट्रंप कर रहे हैं विरोध
मस्क टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी अपनी कंपनियों के जरिए वैश्विक स्तर पर अपना कारोबार बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। भारत, चीन, यूरोप जैसे बड़े बाजारों में उनकी कंपनी का विस्तार चल रहा है। लेकिन कड़े राष्ट्रवादी रुख और अमेरिका फर्स्ट नीति वाले ट्रंप बाधा डाल रहे हैं। ट्रंप विदेशी निवेश या निर्यात के खिलाफ सख्त नीति अपना कर मस्क सहित दूसरे तमाम उद्योगपतियों की वैश्विक योजनाओं को प्रभावित कर रहे हैं। हाल के दिनों में एप्पल के बाद टेस्ला के मामले में ऐसा देखने को मिला है।
ट्रंप ने साफ शब्दों में ऐप्पल और टेस्ला को भारत में निवेश नहीं करने का आदेश दिया था। लेकिन इन कंपनियों ने ट्रंप का आदेश मानने से इनकार कर दिया। जिसके बाद ट्रंप सख्त नीतियों के जरिए इन कंपनियों और उद्योगपतियों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। इस वजह से मस्क को बीते कुछ दिनों में भारी आर्थिक नुकसान भुगतना पड़ा है। उनकी कंपनियों के शेयर गिरने लगे हैं। अब यदि मस्क दबाव में आते हैं तो भारत खासकर महाराष्ट्र के विकास को झटका लग सकता है।