सीएम फडणवीस, शिंदे मंत्री संजय शिरसाट (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: मार्च महीने में हुए बजट सत्र के दौरान बीड के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या में तत्कालीन मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी वाल्मीकि कराड की संलिप्तता के कारण मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली महायुति सरकार की भारी किरकिरी हुई थी। उस वजह से अजीत की राकां के नेता धनंजय मुंडे को अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा था।
विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान उप मुख्यमंत्री शिंदे की शिवसेना के मंत्री संजय शिरसाट के कैश बैग कांड और विधायक संजय गायकवाड का विधायक निवास में कैंटीन कर्मचारी से मारपीट के कारण सरकार को शर्मसार होना पड़ा है। इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अब सख्त रुख अपनाने का निर्णय लिया है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुख्यमंत्री दूसरे नेताओं को चेतावनी देने के लिए मुंडे की तर्ज पर शिरसाट का मंत्री पद भी छीन सकते हैं।
तीसरी बार राज्य के सत्ता की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस स्वच्छ व पारदर्शी प्रशासन देने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। दूसरी तरफ महायुति में शामिल घटक दलों के नेताओं से संबंधित विवादों के कारण सरकार को बार-बार शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। पहले संभाजीनगर में वीट्स होटल सौदा विवाद और बाद में बेडरूम के वीडियो वायरल में नोट के बंडलों से भरा बैग नजर आने के बाद मंत्री शिरसाट के खिलाफ बीजेपी में नाराजगी बढ़ गई है।
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बीजेपी विधायकों ने मंत्री शिरसाट की कार्यशैली और सामाजिक न्याय विभाग की सुस्त नीतियों के कारण सामाजिक समस्याओं के समाधान में मुश्किलें पेश आ रही हैं। शिरसाट के कारण विपक्ष को सरकार को निशाना बनाने का मौका मिल गया है।
अटकले लगाई जा रही हैं कि पार्टी के विधायकों की नाराजगी और विवादग्रस्त छवि के कारण संजय शिरसाट को मुख्यमंत्री फडणवीस झटका दे सकते हैं. सूत्रों का दावा है कि फडणवीस ने ऐसे संकेत उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पहले ही दे दिेए. इसी वजह से शिंदे ने भी अपने मंत्री और विधायकों को आगाह कर दिया है. रिपोर्टों की मानें तो शिंदे ने अपनी पार्टी के मंत्री विधायकों को विवादों से बचने और आचरण सुधारने का अल्टीमेटम दे दिया है. हाल ही में उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि मुझे कार्रवाई के लिए मजबूर न करें.