मंत्री माणिकराव कोकोट, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार (डिजाइन फोटो)
मुंबई: महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे और उनके भाई विजय कोकाटे को 1995 के दस्तावेज़ जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले में शामिल होने के लिए एक अदालत ने कारावास और 50 हजार के जुर्माने की सज़ा सुनाई है। यह मामला पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले ने दायर किया था। माणिकराव कोकाटे ने सज़ा पर रोक लगाने की अपील करने के लिए नासिक सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। न्यायालय ने उनकी सजा पर फिलहाल रोक लगा दी है।
इस बीच विपक्ष मंत्री माणिकराव कोकाटे के इस्तीफ़े की मांग कर रहा है, जिसके कारण बजट सत्र के दौरान राज्य विधानसभा में हंगामा हुआ। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और कोकाटे के बीच एक बैठक हुई। अब सवाल यह है कि क्या कोकाटे अपने पद से इस्तीफ़ा देंगे।
विधानसभा सत्र के पहले दिन की शुरुआत दिवंगत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। लेकिन कार्यवाही में नाटकीय मोड़ तब आया जब विपक्षी नेता अंबादास दानवे ने मंत्री माणिकराव कोकाटे के इस्तीफे की मांग की। इस पर तीखी बहस हुई, जिसमें दानवे खास तौर पर मुखर रहे।
जवाब में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा को संबोधित किया और दिवंगत प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने के दिन अव्यवस्था पर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोकाटे के मामले में अदालत ने अपनी सुनवाई पूरी कर ली है और अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। फडणवीस ने आश्वासन दिया कि अदालत का आदेश मिलने के बाद विधानसभा या राज्यपाल कोई फैसला लेंगे।
विधिमंडल में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे जैसे प्रमुख लोग शामिल हुए। करीब 10-15 मिनट तक चली यह बैठक बंद कमरे में हुई और इस दौरान हुई चर्चाओं का खुलासा नहीं किया गया।
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मंत्री कोकाटे के कोर्ट केस को लेकर हाल ही में उठे विवाद को देखते हुए इस बैठक का समय खासा महत्वपूर्ण है। विपक्ष कोकाटे के इस्तीफे की मांग कर रहा है, जिसके कारण राज्य विधानसभा में गरमागरम बहस हुई है। लेकिन बैठक का नतीजा अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन कोकाटे के संभावित इस्तीफे को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। क्या वह पद छोड़ेंगे या सरकार उन्हें बनाए रखने का कोई रास्ता खोजेगी? यह तो समय ही बताएगा।