
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Chandrapur Sindhi Samaj Panchayat Fraud Case: चंद्रपुर के रामनगर परिसर में स्थित पूज्य सिंधी समाज पंचायत के 9 पदाधिकारियों के खिलाफ रामनगर पुलिस ने फर्जी हस्ताक्षरों के साथ जाली दस्तावेज बनाकर जालसाजी करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने यह कार्रवाई संस्था के ही एक सदस्य बलराम प्रभुदास डोडानी की शिकायत पर की है।
सिंधी समाज पंचायत के जिन पदाधिकारियों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है, उनमें संस्था के अध्यक्ष ज्ञानचंद बलिराम टहलियानी, सचिव अशोक दरियामल हसानी, लालचंद हासाराम पंजवानी, दिलीप मूलचंद जेठवानी, दयालदास चंचलदास मंधानी, राजकुमार गोविंदराम लेखवानी, संजय सेरमल रोहरा तथा संजय जीवनराम उदासी आदि का समावेश है।
पुलिस को प्राप्त शिकायत के अनुसार वर्ष 1972 में चंद्रपुर के रामनगर में स्थित सिंधी कॉलनी परिसर में पूज्य सिंधी समाज पंचायत समिति नामक एक संस्था स्थापित की गई थी। सहायक धर्मदाय आयुक्त के यहां पंजीकृत इस संस्था में वर्तमान में कुल 1163 सदस्य है। इस संस्था का तीन वर्ष बाद चुनाव होता है, और निर्वाचित सदस्यों में से अध्यक्ष, सचिव समेत अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाती है।
शिकायतकर्ता का कहना है कि, वे स्वयं भी वर्ष 1985 से इस संस्था में बतौर सदस्य कार्यरत है। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया है कि, वर्ष 2024 में संस्था के अध्यक्ष ज्ञानचंद टहलियानी की अध्यक्षता में संस्था की नई कार्यकारिणी गठित की गई।
यह भी पढ़ें:- NCP कार्यालय में ‘वाजले की बारा’, महिला कार्यकर्ता ने लावणी पर लगाए जमकर ठुमके, VIDEO वायरल
इस कार्यकारिणी ने सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षरों के साथ महज कागजों पर 25 अगस्त 2024 को आमसभा लेने की बात दिखाकर सिंधी समाज भवन के सौंदर्यीकरण के लाखों के काम को बगैर किसी निविदा प्रक्रिया के मंजूरी दर्शाई। साथ ही कंवर लॉन तथा इस लॉन परिसर में स्थित संत कंवरराम की प्रतिमा हटाने संबंधी निर्णय पारित किए।
उन्होंने आरोप लगाया कि, इस कागजी आमसभा में कुछ ऐसे सदस्यों को भी उनके हस्ताक्षरों समेत उपस्थित दर्शाया गया जिनका दर्शाई गई आमसभा की तारीख से पहले ही निधन हो चुका था।
शिकायतकर्ता ने कहा है कि, इस कागजी आमसभा की तारीख 25 अगस्त 2024 की बताई गई थी, जबकि संस्था के एक सदस्य जगदीश जाधवानी की मृत्यु 12 अगस्त को और अन्य सदस्य अशोक छबलानी की मृत्यु 13 अप्रैल को ही हो चुकी थी, बावजूद इसके संस्था की कार्यकारिणी ने दोनों सदस्यों को आमसभा में उपस्थित दर्शाते हुए उनके नाम के आगे हस्ताक्षर दर्शाए है।
खास बात यह है कि इस मामले की शिकायत डोडानी की ओर से पुलिस में एक वर्ष पहले की गई थी, पुलिस ने गहन जांच के बाद अंततः अब संस्था के पदाधिकारियों के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया है। इस कार्रवाई से समूचे सिंधी समाज मे खलबली मची हुई है।






