ई-फसल पंजीयन समय सीमा वृद्धि के बावजूद परेशानी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Chandrapur District: फसल पंजीयन सुविधा के लिए शुरू किया गया “ई- पीक पंजीयन ऑनलाइन ऐप” फिलहाल किसानों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। पिछले महीने हुई लगातार बारिश के कारण ई पीक पंजीयन की समयावधि बढाकर 30 अक्टूबर की गई है। यह प्रक्रिया अब सहायक स्तर पर नियुक्त व्यक्ति के मोबाईल से कराना है लेकिन संबंधित सहायक के मोबाईल एप में लॉगिन प्रक्रिया पूरी नही होने के कारण कई किसानों को ई पीक पंजीयन से वंचित रहना पड़ रहा है। इससे राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन से राहत दिलाने की मांग किसानों द्वारा की जा रही है।
राज्य सरकार ने किसानों को अपने खेत में जाकर मोबाइल ऐप के माध्यम से फसल पंजीकरण करने की सुविधा दी थी। इसके लिए खरीफ फसल हेतु 1 अगस्त से 14 सितम्बर तक फसल पंजीयन करना था। लेकिन लगातार बारिश के कारण अनेक किसान अपने खेतों तक नहीं पहुंच पाए।
कई क्षेत्रों में रास्ते बंद रहे, तो कहीं खेतों में पानी भरने से किसान फसल पंजीकरण नहीं करा सके। किसानों की दिक्कत को देखते हुए सरकार ने राहत देते हुए पंजीकरण की तारीख बढ़ाकर 15 सितंबर से 30 अक्टूबर 2025 कर दी। बावजूद इसके किसानों को ऐप में गंभीर तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा। किसानों के अनुसार, ई पीक एप में फसल पंजीयन की समायावधि समाप्त होने का संदेश आ रहा है। जिससे वे पंजीकरण प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रहे हैं।
30 अक्टूबर तक ई पीक पंजीयन तहसीलदार द्वारा नियुक्त सहायक स्तर पर गांव के एक व्यक्ति के माध्यम से करने की बात कही गई। लेकिन समस्या यह है कि सहायकों के मोबाइल ऐप में भी ‘सहायक स्तर के व्यक्ति की लॉगिन प्रक्रिया पूरी तरह से बंद है। जिससे वह किसानों का ई पीक पंजीयन करने में असमर्थ है। ऐसे में अब समयावधी बढने के बावजूद किसान ई पीक पंजीयन प्रक्रिया कैसे पूरी करेंगे यह प्रश्न किसानों के सामने है।
किसानों का कहना है कि सरकार ने डिजिटल प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए ऐप शुरू किया था, लेकिन तकनीकी खामियों और समय पर सुधार न होने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। अब किसान मांग कर रहे हैं कि सरकार तत्काल इस समस्या पर ध्यान दे, ऐप में सुधार करे और पंजीकरण की तारीख आगे बढ़ाकर किसानों को राहत दे।
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सहायक अमोल आत्राम ने कहा कि किसानों को स्वयं पंजीकरण करने की तिथी 15 सितंबर तक थी। उसके बाद लगातार बारिश के कारण तथा किसानों की मांग पर तहसीलदार एवं पटवारी के माध्यम से गांव में सहायक नियुक्त कर उनके माध्यम से ई पीक पंजीयन कराया जा रहा है। लेकिन मोबाइल में ई पीक पंजीयन एप में सहायक स्तर का लॉगीन में तकनीकी खराबी होने के कारण वह शुरू नही हो रहा। जिससे किसानों को चक्कर काटना पड रहा है। अब यह प्रक्रिया कब शुरू होगी इसका भरोसा नही है।