तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते आदिवासी समाज के लोग (फोटो नवभारत)
Chandrapur Tribal Protest News: चंद्रपुर जिले के पोंभुर्णा तहसील में सोमवार को आदिवासी संघर्ष समिति ने जोरदार विरोध मार्च निकाला। संगठन ने मांग की कि बंजारा और धनगर जनजातियों को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल न किया जाए और जो लोग फर्जी तरीके से अनुसूचित जनजाति का लाभ उठा रहे हैं, उन्हें तुरंत हटाया जाए। आदिवासी संघर्ष कृति समिति पोंभुर्णा के पदाधिकारियों ने तहसीलदार शेलवतकर को मांगपत्र सौंपा।
संगठन ने मांग की कि फर्जी आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति से हटाकर बंजारा और धनगर जनजातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल न किया जाए। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पोंभुर्णा तहसील में पेसा कानून लागू किया जाए।
साथ ही वन और राजस्व भूमि पर अतिक्रमण करके उपयोग की जा रही भूमि के भू-स्वामित्व तुरंत वितरित किए जाएं। सर्वोच्च न्यायालय को फर्जी और नकली आदिवासियों के खिलाफ अपने फैसले को तुरंत लागू करना चाहिए और रिक्त सरकारी पदों पर आदिवासियों की भर्ती करने की मांग की।
विशेष जन सुरक्षा विधेयक, संविधान का मसौदा जो जनविरोधी है, उसे तुरंत निरस्त किया जाना चाहिए, अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण में किसी अन्य जाति को शामिल नहीं किया जाना चाहिए और महाराष्ट्र सरकार द्वारा फर्जी आदिवासियों को दिए गए संवैधानिक संरक्षण के परिपत्र को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। आदि की मांग की गई।
इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार के सरकारी स्कूल का निजीकरण नहीं किया जाना चाहिए। बाघों के हमलों से किसानों, मजदूरों, चरवाहों और राहगीरों की सुरक्षा के उपाय किए जाने चाहिए। किसानों के बिजली के बिल माफ किए जाने चाहिए और भारी बारिश से हुई फसल क्षति का तुरंत आकलन किया जाना चाहिए और तुरंत मुआवजा दिया जाना चाहिए।
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पोंभुर्णा के पेन्थाना आदिवासी (आदिवासियों का पूजा स्थल) क्षेत्र में जननायक भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए। आदिवासियों के खिलाफ दर्ज अपराध वापस लिए जाने चाहिए। इसे एक प्रमुख मांग के रूप में लेते हुए, आदिवासी संघर्ष कृति समिति ने एक विशाल मार्च निकाला।
इस अवसर पर आदिवासी संघर्ष संघर्ष समिति के तालुका अध्यक्ष जगदीश सेमले, डॉ। मधुकर कोटनाके, प्रमोद बोरिकर, भास्कर सेमले, मुरलीधर टेकाम, संपत कन्नाके, संतोष कुलमेथे, राजू कुलमेथे, श्याम गेडाम, प्रदीप गेडाम, अरुण तलांडे, सचिन मडावी, गोकुल तोडासे, महेंद्र शेडमाके, भोलेनाथ कोवे, विलास सेमले, प्रकाश कन्नाके, नरेंद्र कन्नाके, संजय कुंभारे की प्रमुख उपस्थिति रही। भी इस मौके पर मौजूद थे।