चंद्रपुर में सियासी दंगल (सौजन्य-सोशल मीडिया)
MVA Seat Sharing Dispute: चंद्रपुर शहर मनपा चुनाव के लिए नामांकन दायर करने के लिए बहुत कम समय बचा है, लेकिन महायुति और महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार अभी तय नहीं हुए हैं। चूंकि महायुति में भाजपा और महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस ने अपने दम पर मनपा पर कब्जा करने का बिना बताए फैसला कर लिया है, इसलिए महायुति में राकांपा और महाविकास अघाड़ी में शिवसेना (उबाठा) और राकांपा (शरद पवार) पर ‘मे आई कम इन सर’ कहने की नौबत है।
नामांकन दायर करने के लिए 2 दिन बचे होने से भाजपा और कांग्रेस के सहयोगी दलों का सिरदर्द बढ़ गया है। चंद्रपुर शहर मनपा चुनाव की चर्चा इस समय जिले में जोरों पर चल रही है। वरिष्ठ स्तर पर भाजपा अपने साथियों के साथ सत्ता में है, जबकि कांग्रेस अपने साथियों के साथ विपक्ष में है। स्थानीय निकाय चुनाव में यह तस्वीर वैसी नहीं है।
हाल के नगर निगम व पंचायत चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों पर इसका असर पड़ा। जहां कांग्रेस को नगराध्यक्ष तो मिला लेकिन बहुमत नहीं मिला, वहां वे अपने साथियों के साथ हाथ मिलाएंगे। महाविकास अघाड़ी में शिवसेना को उम्मीद है कि मनपा चुनाव में यह गठबंधन चुनाव से पहले होगा।
लेकिन ननि व पंचायत चुनाव में मिली सफलता को देखने के बाद कांग्रेस ने उबाठा से दूरी बना ली है। राकांपा शरद पवार गुट को लगता है कि उसे बुलाया जाएगा। कांग्रेस को भरोसा है कि पार्टी के आलाकमान (नाराज नेता) की एकता के दम पर मनपा चुनाव पर कब्जा कर लिया जाएगा।
ननि व पंचायत चुनाव में भाजपा को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली। शिवसेना शिंदे गुट के साथ इसका उल्टा हुआ। भद्रावती में लोगों ने तीर-कमान उठाया और शिंदे गुट को 12 नगरसेवक मिले। शिंदे गुट की इस कामयाबी को देखते हुए भाजपा ने ऐलान किया कि वह महायुति में ही चुनाव लड़ेगी और शिवसेना शिंदे गुट को नगर निगम चुनाव के लिए मौका दिया।
लेकिन राकांपा अजित पवार, जो एक घटक दल है, से दूरी बना ली है, इसलिए अजित पवार गुट ने अलग रुख अपनाने का फैसला किया है। क्या प्रत्याशी के लिए नामांकन दायर करने 2 दिन का समय मिलने पर सीट बंटवारे की गुत्थी सुलझ जाएगी? क्या महायुति और महाविकास अघाड़ी बने रहेंगे..? इस पर अभी बातचीत चल रही है।
हालांकि अभी तक किसी ने राकांपा (अप) को गठबंधन के लिए नहीं बुलाया है, लेकिन अजित पवार गुट ने विदर्भ किसान कांग्रेस से हाथ मिलाकर एक रणनीति बनाई है। सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना है। अब तक अजित पवार गुट के 36 उम्मीदवार तय हो चुके हैं और राकांपा (अप) की पूरी जिम्मेदारी शहर अध्यक्ष राजीव कक्कड़ और वरिष्ठ नेता दीपक जयस्वाल को दी गई है।
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कांग्रेस के साथ-साथ केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के कामकाज पर उंगली उठाने वाली आम आदमी पार्टी की भूमिका इस चुनाव में एकला चलो रे की है। AAP ने 10 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है और जिला अध्यक्ष मयूर राइकवार ने उम्मीद जताई है कि यह संख्या जल्द ही बढ़ेगी।
भले ही महाविकास अघाड़ी में शिवसेना उबाठा है, लेकिन ऐसा लगता है कि कांग्रेस को हमारी ज़रूरत नहीं है। उबाठा में ज़्यादातर सीटों पर प्रत्याशी हैं। अब वंचित बहुजन अघाड़ी उसे समर्थन करेगी। दोनों पार्टियां मिलकर नगर निगम पर झंडा फहराने के लिए लड़ेंगी।