Chandrapur Municipal Election:चंद्रपुर महानगरपालिका चुनाव (सोर्शः सोशल मीडिया)
Chandrapur Civic Polls: चंद्रपुर शहर महानगरपालिका चुनाव के लिए मंगलवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक नामांकन पत्र दाखिल करने का समय निर्धारित किया गया है। इस तरह प्रत्याशियों को नामांकन के लिए केवल तीन घंटे ही मिलेंगे। इसके बावजूद भाजपा और कांग्रेस ने अब तक अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है, जिससे संभावित प्रत्याशियों में भारी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के पास प्रत्याशियों की लंबी सूची है। ऐसे में जिन नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा, उनके बगावती तेवर अपनाने की आशंका जताई जा रही है। इसी कारण अन्य राजनीतिक दलों ने अपने दरवाज़े खुले रखे हैं और संभावित बागियों का स्वागत करने के लिए तैयार बैठे हैं। यही वजह है कि राजनीतिक गलियारों में प्रत्याशी सूची जारी न होने को लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
भाजपा में विधायक सुधीर मुनगंटीवार और विधायक किशोर जोरगेवार के बीच चल रहे विवाद के चलते टिकट वितरण का मामला उलझा हुआ है। दोनों नेता अपने-अपने समर्थकों को टिकट दिलाने पर अड़े हुए हैं। भाजपा ने चंद्रपुर महानगरपालिका चुनाव के लिए प्रत्याशी लगभग तय कर लिए हैं, लेकिन सूची सार्वजनिक न होने से प्रत्याशियों में अनिश्चितता बनी हुई है।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही अंतिम रूप से प्रत्याशियों की सूची घोषित करेंगे। इसी वजह से कई संभावित उम्मीदवार नागपुर में डेरा जमाए हुए हैं। वहीं कांग्रेस समेत अन्य दल भाजपा के उन बागियों का इंतजार कर रहे हैं, जिन्हें टिकट नहीं मिलेगा। कई नेताओं ने पहले से ही एबी फॉर्म तैयार कर रखे हैं, इसलिए भाजपा की सूची जारी होते ही अन्य दल भी अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित करेंगे।
मंगलवार को नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन है। प्रत्याशियों के पास केवल तीन घंटे का सीमित समय होगा। भाजपा और कांग्रेस द्वारा अब तक प्रत्याशियों के नाम तय न किए जाने के कारण यह तय माना जा रहा है कि अंतिम समय में नामांकन केंद्रों पर भारी भीड़ उमड़ेगी। अब यह देखना होगा कि यह प्रक्रिया शांति से पूरी होती है या किसी तरह का विवाद सामने आता है।
शुरुआत में कांग्रेस ने वंचित बहुजन आघाड़ी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) से बातचीत की थी, लेकिन बाद में इन चर्चाओं से खुद को अलग कर लिया। इसके बाद उबाठा और वंचित एक साथ आ गए, जबकि तीसरी घटक पार्टी राकांपा (शप) ने अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है।
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30 दिसंबर नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि होने के कारण प्रत्याशियों में काफी असमंजस है। कांग्रेस में कोई बड़ा आंतरिक विवाद न होने के बावजूद प्रत्याशी सूची जारी न किए जाने से स्थिति और उलझ गई है। संभावित बगावत से बचने के लिए बड़ी पार्टियों ने सूची को गोपनीय रखा है, लेकिन कई प्रत्याशियों ने एबी फॉर्म मिलने की उम्मीद में पहले ही नामांकन पत्र दाखिल कर दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, यदि पार्टी का एबी फॉर्म नहीं मिला तो कुछ प्रत्याशी दूसरी पार्टी से एबी फॉर्म लेकर चुनाव मैदान में उतरने का मन बना चुके हैं।
वरिष्ठ स्तर पर भाजपा और कांग्रेस की गतिविधियों पर नजर रखते हुए सहयोगी दलों ने अपनी अलग रणनीति तैयार की है। भाजपा की सहयोगी शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) ने स्वतंत्र रूप से तैयारी की है। राकांपा ने 40 प्रत्याशी तय किए हैं, जबकि शिंदे गुट की शिवसेना ने 25 प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया है। यदि ये सभी प्रत्याशी नामांकन दाखिल करते हैं, तो यह स्थिति भाजपा के लिए बड़ी चुनौती और सिरदर्द साबित हो सकती है।