चंद्रपुर जिले का जलाशय (फोटो नवभारत)
Chandrapur News In Hindi: चंद्रपुर मानसून अब समाप्ति की ओर बढ रहा है। ऐसे में विगत तीन माह में औसतन बारिश का आंकडा पार कर बारिश 101.9 प्रश दर्ज की गई है। इसमें जिवती में सर्वाधिक 150 प्रश और गोंडपिपरी तहसील में 76.2 प्रश बारिश हुई है। बारिश के समाधानकारक होने से जिले के जलाशयों में भी शतप्रतिशत जलसंचय हुआ है। इसका लाभ आनेवाले समय में खरीफ और रबी की फसल को होगा।
जिले में चंद्रपुर तहसील में अब तक 102.0 प्रश, मूल में 108 प्रश, गोंडपिपरी में 72.6 प्रश, वरोरा में 81.5 प्रश, भद्रावती में 80.5 प्रश, चिमूर में 121.8 प्रश, ब्रम्हपुरी में 133.3 प्रश, नागभीड़ में 122.9 प्रश, सिंदेवाही में 103.7 प्रश, राजुरा में 85.8 प्रश, कोरपना में 115.4 प्रश, सावली में 99.8 प्रश, बल्लारपुर में 122.0 प्रश, पोंभूर्णा में 105 प्रश, जिवती में 150 प्रश कुल 101.9 प्रश बारिश दर्ज हुई है।
वर्तमान में, जिले के 10 जलाशयों में 321.948 मिलियन क्यूबिक मीटर उपयोग योग्य जल संग्रहण उपलब्ध है, जो 95.21 प्रतिशत है। जिले की प्रमुख जलपरियोजनाएं असोलामेंढा, इरई और मध्यम परियोजनाएं घोड़ाझरी, नलेश्वर, चंदई, चारगांव, अमलानाला, लभानसराड, पकडीगुड्डम और डोंगरगांव हैं। इनमें से दो बड़ी और आठ मध्यम आकार की परियोजनाएं हैं। उन सभी परियोजनाओं की क्षमता 321.948 मिलियन क्यूबिक मीटर है इनमें वर्तमान में कुल 95.21 प्रश जलसंचय है।
जिले में बड़ी परियोजनाओं की क्षमता 204.73 मिलियन क्यूबिक मीटर है, जिसमें से 190.424 उपयोगी पानी संग्रहित किया जा चुका है। इसका प्रतिशत 93.01 है। जबकि मध्यम परियोजनाओं की क्षमता 133.406 है, जिसमें से 131.524 पानी संग्रहित किया जा चुका है। इसका प्रतिशत 98.59 है। जिले में असोलामेंढा तालाब की क्षमता 52.33 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इसमें 100 प्रतिशत जल संग्रहण है।
इरई बांध की क्षमता 152.4 मिलियन क्यूबिक मीटर है, जिसमें से 138.094 मिलियन क्यूबिक मीटर, 90.61 प्रतिशत संग्रहण है। घोडाझरी तालाब की क्षमता 41.317 मिलियन घन मीटर है और इसमें 100 प्रतिशत जल संग्रहण हो चुका है। नलेश्वर बांध की क्षमता 10.23 मिलियन घन मीटर है और इसमें 100 प्रतिशत जल संग्रहण हो चुका है।
चंदई परियोजना की क्षमता 10.69 मिलियन घन मीटर है और इसमें 100 प्रतिशत जल संग्रहण हो चुका है। चारगांव परियोजना की क्षमता 17.34 मिलियन घन मीटर है और इसमें 100 प्रतिशत जल संग्रहण हो चुका है। अमलनाला परियोजना की क्षमता 22.24 मिलियन घन मीटर है और इसमें से 20.358 मिलियन घन मीटर या 91.54 प्रतिशत जल संग्रहण हो चुका है।
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लभानसराड परियोजना की क्षमता 7.353 मिलियन घन मीटर है और इसमें 100 प्रतिशत जल संग्रहण हो चुका है। पकडीगुड्डम परियोजना की क्षमता 11.797 मिलियन घन मीटर है और इसमें 100 प्रतिशत जल संग्रहण हो चुका है। डोंगरगांव परियोजना की क्षमता 12.441 मिलियन घन मीटर है और 100 प्रतिशत जल संग्रहण प्राप्त कर लिया गया है।
चंद्रपुर जिले में धान की बड़ी मात्रा में पैदावार होती है। खरीफ की मुख्य फसल धान को बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। जिले में इन परियोजनाओं से नहरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाती है। शुरुआत में, अपेक्षा के अनुरूप जल संग्रहण नहीं हो पाया। इससे धान उत्पादक किसान परेशानी में दिख रहे थे।
हालांकि, पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश से परियोजनाओं में उपयोगी जल संग्रहण ने धान उत्पादक किसानों को राहत दी है। खरीफ की चिंता दूर होती दिख रही हैं। जल संग्रहण कृषि फसलों के लिए गर्मियों में सूखे की स्थिति से उबरने में उपयोगी है।