किडनी बेचने वाला किसान (सोर्स: सोशल मीडिया)
Chandrapur Kidney Racket: महाराष्ट्र के चंद्रपुर में कर्ज के बोझ तले दबे असहाय गरीबों की मजबूरी का अनुचित लाभ उठाते हुए और उन्हें चंद रुपयों का लालच देकर कंबोडिया में उनकी किडनी निकालने के सनसनीखेज मामले में गिरफ्तार मास्टरमाइंड रामकृष्ण मलेष्म सुंचू ने अब इस प्रकरण में एक-एक राज उगलना शुरू किया है। आरोपी ने पहले अपनी किडनी बेची और इसके बाद वह एजेंट बन गया।
गिरफ्तार आरोपी ने बताया कि उसने भारत के विभिन्न राज्यों के 10 से 12 गरीब एवं मजबूर युवकों को फांसकर उन्हें कंबोडिया भेजकर उनकी वहां डॉक्टरों की मदद से किडनी निकाली। इस काम के एवज में उसे कंबोडिया के संबंधित अस्पताल से एक व्यक्ति के पीछे 1 लाख रुपयों का कमीशन मिलता था।
चंद्रपुर जिला पुलिस अधीक्षक मुमक्का सुदर्शन ने बताया कि रामकृष्ण फेसबुक के माध्यम से रैकेट चलाता था। इसके लिए फेसबुक पर ‘किडनी डोनर’ नाम से एक पेज बना था, इस पेज पर किडनी बेचने के इच्छुक युवक ‘लॉग इन’ करते थे। इसी माध्यम से रामकृष्ण गरीब एवं मजबूर लोगों को फांस कर उन्हें कंबोडिया भेजने की व्यवस्था करता था। आरोपी रामकृष्ण के अनुसार चंद्रपुर के नागभीड़ तहसील के मिथूर का कर्जदार किसान रोशन कुडे अपनी किडनी बेचने वाला महाराष्ट्र का एकमात्र भुक्तभोगी है।
इस मामले में पुलिस भुक्तभोगी किसान रोशन की विदेश यात्रा की डिटेल्स भी खंगाल रही है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि, कंबोडिया का वह अस्पताल एक मिलिट्री हॉस्पिटल है। प्रेह केट मैली हॉस्पिटल ऐसे मामलों में चर्चित है। इस अस्पताल के खिलाफ इंडोनेशिया और बाग्लादेश की ओर से शिकायत की गई थी, जिसके चलते यह कुछ दिनों के लिए बंद हुआ था।
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इस मामले में जैसे-जैसे नए नए क्लू मिलेंगे, हर अधिकारी एक स्वतंत्र टीम तैयार कर जांच में जुट जाएंगे, उन्होंने स्पष्ट किया कि, अपनी किडनी बेचने के एवज में रोशन को 8 लाख रुपये कंबोडिया के संबंधित अस्पताल प्रशासन की ओर से मिले हैं, जो उसके बैंक ट्रांजेक्शन डिटेल्स से पता चला है। यह रकम उसे अपने ही देश के किसी अकाउंट से ट्रांसफर की गई थी, पुलिस उस अकाउंट होल्डर को खोज रही है।