मंत्री बावनकुले को सौंपा ज्ञापन (सौजन्य-नवभारत)
Chandrapur News: मुख्यमंत्री देवेंद्रजी फडणवीस बार-बार कह चुके हैं कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा 2 सितंबर, 2025 को लिए गए सरकारी फैसले और हैदराबाद गजेटियर के लागू होने से ओबीसी आरक्षण प्रभावित नहीं हुआ है, लेकिन ओबीसी नेता और सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि आरक्षण को बड़ा झटका लगा है, जबकि मनोज जरांगे पाटिल कह रहे हैं कि मराठों ने अफवाह फैलाकर जीत हासिल कर ली है।
इससे ओबीसी समाज असमंजस की स्थिति में है और काफी डरा हुआ है। यह जानकारी देते हुए सचिन राजुरकर ने आबीसी आरक्षण को लेकर लोगों में व्याप्त भय को दूर करने की मांग की। उन्होंने कहा कि दरअसल, हैदराबाद गजेटियर में व्यक्तिगत प्रविष्टि न होकर सामूहिक प्रविष्टि होने और व्यक्तिगत प्रविष्टि के बिना कुनबी प्रमाण पत्र जारी न किए जाने के बावजूद, 17 सितंबर से विभिन्न माध्यमों से यह खबर आ रही है कि हैदराबाद गजेटियर से मराठवाड़ा के हिंगोली, धाराशिव और बीड में कुनबी प्रमाण पत्र वितरित किए गए हैं।
जिससे ओबीसी समुदाय में भय का माहौल पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि बावनकुले ओबीसी समुदाय के नेता हैं और ओबीसी उप-समिति के अध्यक्ष भी हैं, इसलिए उन्हें ओबीसी समुदाय में फैले भय के माहौल को दूर करना चाहिए।
राजुरकर ने ज्ञापन में मांग की कि किसी भी परिस्थिति में मराठा जाति को ओबीसी श्रेणी में शामिल नहीं किया जाना चाहिए और सामान्य रूप से मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने चाहिए,कुनबी, कुनबी मराठा और मराठा कुनबी प्रमाण पत्र झूठे और कपटपूर्ण साक्ष्य के आधार पर जारी न किए जाएं,केवल शपथपत्र के आधार पर कुनबी प्रमाण पत्र जारी न किए जाएं, झूठी प्रविष्टियों की जांच के लिए मंत्रियों की एक समिति नियुक्त की जाए, स्थानीय निकाय चुनावों में चुनाव लड़ने वाले ओबीसी के लिए, चुनाव लड़ने की अनुमति दिए बिना जाति सत्यापन प्रस्ताव और जाति सत्यापन विभाग को प्रस्तुत करने की रसीद के साथ कुनबी जाति का उल्लेख करने वाले राजस्व दस्तावेज़ संलग्न करना अनिवार्य किया जाए।
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साथ ही 2 सितंबर, 2025 के सरकारी निर्णय के अंतिम पैराग्राफ में, गांव, गोत्र और रिश्ते से कौन व्यक्ति है, इसका अर्थ स्पष्ट किया जाए। यह मांग ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव सचिन राजुरकर ने की है। वक्तव्य देते समय ओबीसी योद्धा रवीन्द्र टोंगे, महिला महासंघ की महासचिव मनीषा बोबडे, किसान महासंघ के रंजीत डावरे, धनोजे कुनबी समाज के अध्यक्ष श्रीधर मालेकर, सचिव अतुल देउलकर सहित उनके पूरे निदेशक मंडल, ओबीसी छात्र महासंघ के दीपक पिम्पलशेंडे, सुमित देवालकर,प्रशांत पिम्पलशेंडे, उदय टोंगे, सूरज देवालकर, उमेश श्रीरासागर, चन्द्रशेखर देवालकर,हर्षल टोंगे आदि उपस्थित थे।