बुलढाना और अकोला में पोला (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Pola Celebration in Buldhana/Akola: कृषि प्रधान बुलढाना जिले में विभिन्न कारणों से बैलों की संख्या में काफी कमी आई है। वहीं दूसरी ओर, कृषि तकनीक में वृद्धि हुई है। इसके कारण खेतों में जुताई, बुआई, थ्रेसिंग आदि कार्य तेजी से हो रहे हैं और ट्रैक्टरों का उपयोग बढ़ा है। इसका असर किसानों के सबसे बड़े त्योहार पोला पर भी पड़ रहा है। इसके कारण पोला में बैलों की संख्या कम हो गई है।
इस प्रतिकूल परिस्थिति में शिवसेना की पहल पर पिछले कुछ वर्षों से मेहकर में ट्रैक्टर पोला मनाया जाता रहा है। इस वर्ष भी शुक्रवार को पोला के दिन मेहकर में ट्रैक्टर जुलूस निकाला गया। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव द्वारा ट्रैक्टर चलाकर इसमें भाग लेने से इसमें शामिल किसानों, ट्रैक्टर मालिकों और शिवसैनिकों का उत्साह दोगुना हो गया।
यह आधुनिक पोला लगभग 200 ट्रैक्टरों की भागीदारी के साथ आकर्षक रहा। आजकल ट्रैक्टरों का उपयोग होता है, वास्तव में कृषि कार्य इन्हीं के माध्यम से होता है, इसलिए पोला जैसे त्योहार भविष्य में भी जारी रहें, इस उद्देश्य से मेहकर में किसानों द्वारा एक अलग पोला मनाया गया। मेहकर शहर के मुख्य मार्ग पर एक जुलूस निकाला गया।
ट्रैक्टर पोला में केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव, पूर्व विधायक संजय रायमुलकर, युवा सेना जिला प्रमुख ऋषिकेश जाधव, तालुका प्रमुख सुरेश तात्या वालुकर, शहर प्रमुख जयचंद भाटिया सहित शिवसेना पदाधिकारी, युवा सेना पदाधिकारी और सैकड़ों किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ ट्रैक्टर पोला रैली में शामिल हुए।
शहर शिवसेना (शिंदे गुट) अध्यक्ष जयचंद भाठिया के नेतृत्व में पुरानी तहसील चौक पर इस ट्रैक्टर पोला का आतिशबाजी के साथ स्वागत किया गया। इस अवसर पर नामदार जाधव और रायमुलकर का शॉल और श्रीफल से स्वागत किया गया। इस अवसर पर समाधान सस्ते, गजानन सांगाडे, खविस चे सावजी, दिवाकर मेहकरकर, संजय मेहकरकर, संतोष पवार, नितिन निकम, किरण महाजन, विनोद गुलवेकर उपस्थित थे।
अकोला शहर के साथ साथ पूरे जिले में पोला त्योहार बहुत ही उत्साह से मनाया गया। सभी जगह बैलों का पूजन किया गया था तथा उन्हें बहुत ही आकर्षक रूप से सजाया गया था। किसानों ने बैलों का आभार माना। अनेक स्थानों पर पोला उत्सव मनाया गया। अनेक किसानों का कहना था कि ट्रैक्टर के साथ साथ खेतों के लिए अनेक आधुनिक उपकरण आ गए हैं लेकिन बैलों का महत्व कभी कम नहीं हो सकता है। शुक्रवार को पोले के दिन अनेक घरों में पूरन पोली बनाई गई। इसके अलावा भी कई तरह के खाद्य पदार्थ बनाए गए। बैल जोड़ी की पूजा के बाद बैलों को भी खाद्य पदार्थ खिलाए गए।
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पुराना शहर के प्रसिद्ध पोला चौक में सायं पोला भरवाया गया, जिसमें 40-50 बैलजोड़ियों ने भाग लिया। संत गाडगे बाबा बहुउद्देशीय संस्था के अध्यक्ष अनिल मालगे द्वारा आयोजित सजावट स्पर्धा में उत्कृष्ट बैल जोड़ियों को सम्मानित किया गया। कृत्रिम बैलजोडी के समक्ष आयोजित इस कार्यक्रम में शहर के बड़ी संख्या में लोगों ने सहभाग लिया।
पोला पर्व के अवसर पर पुराना शहर के राजराजेश्वर मंदिर, जयहिंद चौक सहित कई स्थानों पर यात्राएं आयोजित की गईं। इनमें गृह उपयोगी वस्तुएं, बच्चों के खिलौने और खाद्य सामग्री की भरमार रही। नागरिक अपने परिवारों के साथ खरीदारी और स्वाद का आनंद लेते नजर आए।