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नवभारत डिजिटल डेस्क : अगर मैं आपको बताऊं कि सिबिल स्कोर खराब होने से आप कुंवारे रह जाएंगे, तो आप थोड़े देर के लिए सोच में पड़ जाएंगे, लेकिन यह सच है। दरअसल, अकोला के मूर्तिजापुर में ऐसा एक मामला सामने आया जब लड़के का सिबिल स्कोर अच्छा नहीं होने पर वधू पक्ष ने शादी से इनकार कर दिया।
वधू पक्ष ने यह कहकर रिश्ता तोड़ दिया कि लड़के के साथ लड़की का भविष्य अच्छा नहीं होगा क्योंकि लड़के का सिबिल स्कोर अच्छा नहीं है। इस मामले से यह तो साफ हो गया कि शादी के लिए सिर्फ कुंडली या ब्लड स्कोर ही काफी नहीं है बल्कि सिबिल स्कोर भी शादी करने की योग्यता का अब मानक बन गया है।
दोनों परिवारों में बातचीत हो चुकी थी, रिश्ता तय हो चुका था सिर्फ शादी की तारीख निकलना बाकी थी, पर तभी दुल्हन के मामा ने डिमांड की कि लड़का अपने सिबिल स्कोर के बारे में बताए। सिबिल रिपोर्ट से पता चला कि लड़के ने कई लोन ले रखा था। इसके साथ ही उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसके बाद बेटी के भविष्य की चिंता करते हुए लड़की के परिवार ने रिश्ते के लिए मना कर दिया। लड़की के मामा ने कहा कि ऐसे लड़के से क्यों शादी की जाए जो कर्ज में डूबा हुआ है।
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बैंक या अन्य लोन देने वाली संस्थाएं जब ग्राहकों को लोन देती हैं या फिर उन्हें केडिट कार्ड मुहैया कराती हैं, तो वो ग्राहक का सिबिल स्कोर देखती हैं। सिबिल का मतलब है क्रेडिट ब्यूरो इंडिया लिमिटेड। ये 3 अंकों की एक संख्या होती है जो किसी इंसान के लोन लेने की योग्यता के बारे में बताती है। ज्यादा सिबिल स्कोर का मतलब होता है कि व्यक्ति लोन चुकाने में समर्थ है। वहीं कम स्कोर का अर्थ होता है कि वो लोन नहीं चुका पाएगा। आपको जानकारी के लिए बता दें कि 600 से ऊपर के डेटा को अच्छा सिबिल स्कोर माना जाता है।