मेहुल चोकसी (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
मुंबई: भारतीय हीरा कारोबारी और धोखाधड़ी के आरोप में देश से फरार चल रहे मेहुल चोकसी की मुसीबतें और बढ़ने वाली हैं। बुधवार को मुंबई कोर्ट ने धोखाधड़ी के अन्य मामले में सुवाई करते हुए चोकसी खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया।
यह नया मामला केनरा बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से संबंधित है, मेहुल चोकसी पर कंसोर्टियम के साथ लगभग 55 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है। मामले पर सुवाई कर रहे अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आर बी ठाकुर ने चोकसी के खिलाफ वारंट एस्प्लेनेड जारी किया।
इससे पहले मंगलवार को मेहुल चोकसी को बेल्जियम ने भी झटका देते हुए भारत की ओर से प्रत्यर्पण की अपील के बाद की गई गिरफ्तारी के खिलाफ दी गई उसकी याचिका की सुनवाई को स्थगित कर दिया। पिछले सप्ताम बेल्जियम का अदालत ने उसकी जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया था। चोकसी ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उसकी गिरफ्तारी के दौरान बेल्जियम के अधिकारियों ने निर्धारित कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया था, इसलिए उसे छोड़ा जाए।
मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ कथित तौर पर 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। मेहुल चोकसी को हाल ही में 12 अप्रैल को भारत के कहने पर बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था। उसे न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारतीय जांच एजेंसियों लगातार काम कर रही हैं। बेल्जियम में भी उसे भारतीय जांच एजेंसियों की ओर से प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद गिरफ्तार किया गया।
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चोकसी पर कंसोर्टियम समझौते के तहत केनरा बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र की ओर से दी गई 55 करोड़ रुपये की वर्किंग कैपिटल फैसिलिटी के कुप्रबंधन से जुड़े आरोप लगे है। यह धनराशि चोकसी से जुड़ी कंपनी बेजेल ज्वैलरी द्वारा सोने और हीरे जड़े आभूषणों के निर्माण और बिक्री के लिए थी। हालांकि, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अनुसार, धनराशि का उपयोग उनके निर्धारित उद्देश्य के लिए नहीं किया गया और ऋण चूक गए, जिसके परिणामस्वरूप संबंधित बैंकों को काफी वित्तीय नुकसान हुआ।