अमरूद, पपीता और संतरा है सेहत का प्राकृतिक खजाना (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bhandara News: सर्दियों का मौसम सिर्फ ठंडी हवाओं और गर्म कपड़ों का ही नहीं, बल्कि सेहतमंद फलों का भी मौसम है। इस समय को स्वास्थ्यवर्धक कहा जाता है क्योंकि ठंड के दिनों में शरीर की पाचन शक्ति बढ़ जाती है और पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर ढंग से होता है। मानो प्रकृति स्वयं स्वास्थ्य का खजाना लेकर आई हो, जो हर किसी के लिए सुलभ है।
इन दिनों बाजारों में ताजे और पोषक फलों की भरमार देखने को मिल रही है। खासकर अमरूद, पपीता, संतरा, सीताफल, मोसम्बी और आंवला जैसे फल लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं। इन फलों की कीमत बाजार में औसतन 150 से 200 रुपये प्रति किलो के बीच है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दियों में इन फलों का नियमित सेवन शरीर के लिए बेहद लाभकारी है। ये फल प्राकृतिक रूप से फाइबर, विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं।
फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। संतरा और मोसम्बी में मौजूद विटामिन C शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाते हैं और सर्दी-जुकाम से बचाव करते हैं। पपीते में पाया जाने वाला पपेन एंजाइम पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है। अमरूद में मौजूद विटामिन A और C त्वचा व आंखों की सेहत के लिए उपयोगी हैं। वहीं आंवला को सर्दियों का सुपरफूड माना जाता है, जो शरीर को अंदर से ताकत देता है, बालों और त्वचा की सेहत बनाए रखता है तथा उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लोग अक्सर इन फलों का सेवन तभी करते हैं जब वे बीमार पड़ते हैं, जबकि यदि इन्हें रोजाना आहार में शामिल किया जाए तो ये बीमारियों से बचाव का प्राकृतिक कवच बन सकते हैं।
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आहार विशेषज्ञ डॉ. राजेश चंदवानी ने कहा कि “फल वास्तव में मनुष्य के लिए प्रकृति का सबसे बड़ा उपहार हैं। इनका नियमित सेवन शरीर को फिट रखता है, आंतों को साफ करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। फास्ट फूड की जगह फल खाने की आदत विकसित करनी चाहिए,”सर्दियों में यह स्वास्थ्य का मौसम है। ऐसे में जब बाजार में ताजे और पौष्टिक फलों का खजाना उपलब्ध है, तो इन्हें अपने दैनिक आहार में शामिल करना ही समझदारी है। वरना लापरवाही के कारण बाद में अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ सकते हैं।