(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Unseasonal Rains Damage to Agriculture: भंडारा जिले में पिछले चार महीनों से हो रही अनियमित और बेमौसम बारिश ने भंडारा जिले के किसानों की कमर तोड़ दी है। प्रशासनिक रिपोर्ट के अनुसार, कुल 13,604 किसान प्रभावित हुए हैं, जिनकी 4,508.85 हेक्टेयर कृषि भूमि पर खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। इससे किसानों को करीब 9.52 करोड़ रुपये का भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है।
विभिन्न महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो मई माह में सबसे ज्यादा नुकसान दर्ज किया गया, जब 5,061 किसानों की 1,801.55 हेक्टेयर फसलें तबाह हो गईं। इसका आर्थिक आकलन 4.86 करोड़ रुपये से अधिक किया गया है। जुलाई माह में भी स्थिति भयावह रही, जब 8,283 किसानों की 2,589.12 हेक्टेयर जमीन पर फसलें पूरी तरह खराब हो गईं, जिससे 4.33 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
अप्रैल में 252 किसानों की 115.68 हेक्टेयर जमीन पर फसल प्रभावित हुई, जिससे 32.36 लाख रुपये का नुकसान दर्ज किया गया। जून में नुकसान अपेक्षाकृत कम रहा, लेकिन फिर भी 8 किसानों की फसलें प्रभावित हुईं, जिससे लगभग 52 हजार रुपये का नुकसान हुआ।
विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश का पैटर्न बुरी तरह बिगड़ गया है। कभी सूखा तो कभी अचानक अतिवृष्टि – इससे किसानों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है।
बारिश का असर सिर्फ फसलों तक ही सीमित नहीं रहा। जून से अगस्त के बीच 33 पशुओं की मौत हो चुकी है, जिसमें 20 बड़े व दुधारू और 13 छोटे पशु शामिल हैं। इसके साथ ही 1,376 मकान आंशिक रूप से और 34 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। 148 पशुओं के तबेले भी नष्ट हो गए हैं। मकान और तबेलों की यह क्षति ग्रामवासी जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रही है।
यह भी पढ़ें:- गड़चिरोली जिले के 43 साल…क्या अब भी विकास एक सपना है? जानें कितना बदला जंगलों का जिला
बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में अब तक 5 नागरिकों की मौत हो चुकी है। कुछ अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। प्रशासन की ओर से बताया गया कि अधिकांश पीड़ितों को मुआवजा राशि वितरित कर दी गई है। राज्य शासन द्वारा तय मुआवजे के अनुसार ऐसे मुआवजा तय करके दिया जाता है…
जिला प्रशासन के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती राहत और पुनर्वास कार्यों को तेजी से पूरा करना है। किसान, पशुपालक और ग्रामीण लगातार सरकार से स्थायी समाधान और जलवायु अनुकूल कृषि नीतियों की मांग कर रहे हैं। यदि बारिश का यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा, तो भविष्य में हालात और गंभीर हो सकते हैं।