8 माह से नहीं मिले शिवभोजन केंद्रों के बिल (सौजन्यः सोशल मीडिया )
Bhandara News: महाराष्ट्र सरकार की ओर से गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए शुरू की गई शिवभोजन योजना में 10 रुपये में पौष्टिक और ताज़ा भोजन प्रदान किया जाता है। यह योजना 26 जनवरी 2020 से संचालित है। हालांकि, अब शिवभोजन केंद्र संचालकों का अनुदान अप्रैल 2025 से रुका हुआ है, जिससे केंद्र संचालकों की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है। लंबे समय से थकी हुई राशि के कारण केंद्र संचालकों पर इस योजना को बंद करने की नौबत आ गई है।
भंडारा जिला आपूर्ति अधिकारी के अनुसार, मार्च 2025 तक का बिल पहले ही अदा किया गया था। अब अप्रैल और मई 2025 के दो माह का बिल तैयार किया जा रहा है और इसे दिवाली से पहले केंद्र संचालकों को अदा किया जाएगा। हालांकि, अप्रैल से सितंबर तक का शेष छह माह का बिल अभी भी लंबित है। शिवभोजन योजना पांच वर्ष पहले शुरू हुई थी। उस समय से महंगाई काफी बढ़ी है, लेकिन अनुदान उतना ही है।
वर्तमान में साधारण नाश्ता 20–30 रुपये में मिल रहा है, जबकि शिवभोजन योजना के तहत 10 रुपये में दो रोटियां, दाल-भात और सब्जी प्रदान की जाती है। थाली का मूल मूल्य 50 रुपये है, जिसमें राज्य सरकार 40 रुपये सब्सिडी देती है। केंद्र संचालकों को मात्र 10 रुपये मिलते हैं। महंगाई के कारण, गैस, बिजली, दाल और तेल की कीमतों में वृद्धि होने से यह दर संचालकों के लिए पर्याप्त नहीं है।
भंडारा जिले में कुल 58 शिवभोजन केंद्र संचालित हैं। इन केंद्रों के माध्यम से प्रतिदिन लगभग 5,800 थालियाँ गरीब और जरूरतमंद लोगों को वितरित की जाती हैं।
इन केंद्रों के माध्यम से गरीब, बेसहारा और मजदूर वर्ग को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
अनुदान के विलंब के कारण संचालकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।उन्हें कर्मचारियों का वेतन देना होता है।आवश्यक सामग्री और सब्ज़ियाँ खरीदने के लिए उधारी लेना पड रहा है।बढ़ती महंगाई के कारण योजना को नियमित रूप से चलाना कठिन हो गया है। संचालक विजय शहारे (मोहाडी) का कहना है कि योजना कल्याणकारी है, लेकिन सरकार को अनुदान बढ़ाकर केंद्रों का संचालन सुचारू रखना चाहिए।
भंडारा जिला आपूर्ति अधिकारी नरेश वंजारी ने कहा कि शिवभोजन केंद्र संचालकों का मार्च 2025 तक का बिल अदा कर दिया गया है। अप्रैल और मई 2025 के बिल तैयार किए जा रहे हैं और दिवाली से पहले उन्हें भुगतान किया जाएगा।