कैंसर के बढ़ते मामले (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Health News: शोधों में पता चला है कि सब्जियों और फलों पर छिड़काव में प्रयोग किए जा रहे जहरीले कीटनाशक कैंसर की बीमारियों का कारण हैं। मुनाफाखोर व्यापारी अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में सब्जियों में इतने रसायन मिला रहे हैं कि खाने वाले की जान पर बन आती है।
दरअसल, सब्जी कारोबारी वजन बढ़ाने और अधिक पैसा कमाने के लालच में प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन लगा कर सब्जी को रातों रात बड़ा और वजनी बना देते हैं, इसके अलावा दुकानदार भी परवल, तुरई, लौकी, भिंडी आदि को ताजा बनाए रखने के लिए उन्हें रसायनयुक्त पानी से धोते हैं, इससे सब्जी अधिक ताजी और हरी-भरी दिखाई देती हैं। सिघाड़ों की खेती के लिए भी खतरनाक रसायन व दवाएं पानी में डाली जाती हैं।
फलों की बात करें तो अधिकांश कारोबारी उन्हें पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का प्रयोग करते हैं। इससे फल जल्दी तो पक जाता है, लेकिन स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाता है। डॉक्टर का कहना है कि टमाटर में जीए रसायन इस्तेमाल किया जाता है। वहीं अन्य सब्जियों को चमकदार बनाने के लिए मोम का उपयोग भी किया जाता है।
जानकारों की माने तो टमाटर, बैंगन, पालक, भिंडी, करेला आदि में कीटनाशकों के छिड़काव की अधिकता से उत्पादन तो बेहतर हो जाता है, लेकिन इन सब्जियों में घुले खतरनाक रसायन शरीर को घातक बीमारियां देने लगे हैं। हालांकि स्थिति की गंभीरता समझने के बाद सरकारी स्तर पर खानापूर्ति करते हुए जैविक खेती को प्रोत्साहित करने की योजना तो शुरू की है, लेकिन यह कारगर साबित नहीं हो पाई है।
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सबसे पहले फल और सब्जियों को पानी से भरी बाल्टी में डाल दें। उसमें एक बड़ा चम्मच सिरका डाल दें। अब कंटेनर को 15 मिनट के लिए छोड़ दें। कंटेनर से फल-सब्जियों को निकाल कर उन्हें अच्छी तरह से साफ पानी से धो लें। अब आप उन्हें प्रयोग कर सकते हैं।