पवनी नगर परिषद (फोटो नवभारत)
Pavani Voterlist Error: महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग की ओर से वर्ष 2025 में होने वाले नगर परिषदों के आम चुनावों के लिए आरक्षण ड्रॉ कार्यक्रम की घोषणा के बाद उपविभागीय अधिकारी माधुरी तिखे ने 8 अक्टूबर को पवनी नगर परिषद के लिए आरक्षण ड्रॉ की घोषणा की।
इस कार्यक्रम के अनुसार, गोंदिया जिले की पवनी नगर परिषद चुनाव 2025 के लिए कुल 10 प्रभाग (वार्ड) निर्धारित किए गए हैं, जबकि अध्यक्ष पद का चुनाव सीधे जनता के मतदान से किया जाएगा। इस बार अध्यक्ष पद अनारक्षित महिला के लिए रखा गया है।
घोषित आरक्षण के अनुसार अनुसूचित जाति : 3 प्रभाग (जिनमें से 2 महिलाएं), अनुसूचित जनजाति : 1 प्रभाग, अनारक्षित : 6 प्रभाग (जिनमें से 3 महिलाएं)है। चुनाव आयोग की ओर से वार्डवार प्रारूप मतदाता सूची जारी की गई है, लेकिन नागरिकों के अनुसार उसमें कई गंभीर गलतियां पाई गई हैं।
सूत्रों के मुताबिक, वार्ड क्रमांक 10 के लगभग 770 मतदाताओं (क्रमांक 61/399/1 से 61/399/770) को गलती से वार्ड क्रमांक 5 में शामिल कर दिया गया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अन्य वार्डों में भी ऐसी गलतियाँ होने की संभावना है। ‘
निर्वाचक नामावली तैयार करते समय वार्डों के नए सीमांकन का समुचित ध्यान नहीं रखा गया, जिससे कई वार्डों में मतदाताओं की संख्या में असंतुलन दिखाई दे रहा है। परिणामस्वरूप, आरक्षण प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
नियमों के अनुसार अधिकारियों को घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करना था। लेकिन नागरिकों का आरोप है कि यह कार्य केवल कार्यालय स्तर पर कागजी रूप से पूरा कर लिया गया, जिससे कई नाम गलत वार्डों में दर्ज हो गए या छूट गए।
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वार्डों का आरक्षण संबंधित वार्ड की कुल मतदाता संख्या के आधार पर तय किया जाता है। जब मतदाता सूची ही गलत और अधूरी है, तो नागरिकों का यह सवाल स्वाभाविक है कि ऐसी त्रुटिपूर्ण सूची के आधार पर आरक्षण तय करना कितना न्यायसंगत है? इस विषय पर आपत्तियां दर्ज कराने की अंतिम तिथि 13 अक्टूबर निर्धारित की गई है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी आपत्तियाँ नगर परिषद, पवनी कार्यालय में लिखित रूप में प्रस्तुत करें।
इस पूरे प्रकरण ने पवनी नगर परिषद चुनाव की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने मतदाता सूचियों के पुनः सत्यापन और सुधार की माँग की है, ताकि चुनाव प्रक्रिया में पूर्ण निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके।