सीएम फडणवीस (pic credit; social media)
Culture Of Royal Patronage Ends: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नासिक से एक बड़ा संदेश दिया है। अपराधी चाहे किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा क्यों न हो, अब कोई भी बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि “नासिक पुलिस को पूरी आजादी दी गई है और अगर कोई अपराध करेगा, तो उसे सजा जरूर मिलेगी। चाहे वो भाजपा, महायुति, राकांपा या उद्धव ठाकरे गुट का ही क्यों न हो।”
पत्रकारों के सवालों के जवाब में फडणवीस ने कहा कि नासिक पुलिस कमिश्नर बेखौफ होकर काम कर रहे हैं और अब अपराधियों को ‘शाही संरक्षण’ देने की कोशिश खत्म की जाएगी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि “किसी का अतीत चाहे जो भी हो, अगर उसकी प्रवृत्ति आपराधिक है, तो अब उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
सीएम का यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में नासिक पुलिस ने भाजपा और आरपीआई (आठवले गुट) से जुड़े कुछ पदाधिकारियों पर गोलीबारी और जबरन वसूली जैसे मामलों में कार्रवाई की है। इससे यह साफ संकेत मिल गया है कि सरकार की नीति “जीरो टॉलरेंस” पर आधारित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “मैंने पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिया है, किसी भी राजनीतिक दबाव में मत आना। कानून सबके लिए समान है। अपराधी का कोई रंग नहीं होता।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि नासिक में अपराध पर लगाम लगाने के लिए अब ‘राजनीतिक हस्तक्षेप’ की कोई जगह नहीं होगी।
इस दौरान उन्होंने अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि कुख्यात गैंगस्टर नीलेश घायवाल के भाई सचिन घायवाल को हथियार का लाइसेंस देने की खबर पूरी तरह गलत है। पुलिस कमिश्नर ने उन्हें जानकारी दी है कि ऐसा कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है।
सीएम ने यह भी खुलासा किया कि कॉल सेंटर घोटाले में एक आईपीएस अधिकारी की भूमिका की जांच सीबीआई कर रही है। “गृह विभाग को अभी रिपोर्ट नहीं मिली है, लेकिन जैसे ही रिपोर्ट आएगी, सख्त कार्रवाई की जाएगी,” फडणवीस ने कहा।
राजनीतिक हलकों में सीएम का यह बयान उन नेताओं पर सीधा हमला माना जा रहा है, जो हाल ही में आपराधिक पृष्ठभूमि के बावजूद विभिन्न पार्टियों में शामिल हुए हैं। नाशिक में अपराध नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री की “जीरो टॉलरेंस” नीति अब प्रशासन और जनता, दोनों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है।