देवेंद्र फडणवीस और संजय मते (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra Politics: महायुति सरकार के सत्ता में आए आज एक वर्ष पूर्ण हो गए हैं। इस एक वर्ष के कार्यकालन में सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति इसके विपरीत दिखाई दे रही है। ओबीसी क्रांति मोर्चा के संस्थापक संजय मते ने सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान आज तक नहीं हो पाया है।
उनके अनुसार किसानों को अब तक उनके कृषि उत्पादों का उचित और निश्चित समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है। बीज और खाद की उपलब्धता में भी भारी कमी है, जिसके कारण किसान अत्यंत त्रस्त हैं। संजय मते ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा कर्जमाफी अब तक किसानों को नहीं मिली है। किसानों में इसको लेकर गहरा असंतोष है। अधिकांश हिस्सों में सड़कों की हालत बद से बदतर हो चुकी है।
जगह-जगह गड्ढों के कारण आम जनता और वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की उपेक्षा के कारण सड़क विकास के कार्यों में ठहराव आ गया है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी उन्होंने गंभीर चिंता व्यक्त की।
उनके अनुसार राज्य में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं में लगातार वृद्धि हुई है और सरकार इन घटनाओं को रोकने में नाकाम साबित हुई है। संजय मते ने मांग की कि सरकार अपनी उपलब्धियों का ढोल पीटने के बजाय जनता की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान दे और तत्काल ठोस कदम उठाए।
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नगर परिषद पवनी के अध्यक्ष पद की उम्मीदवार डॉ. विजया राजेश नंदुरकर ने मतदान प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि वोटिंग के दौरान कुछ व्यक्तियों ने बटन स्पाई कैमरा और पेन स्पाई कैमरा जैसे गुप्त उपकरणों का उपयोग कर मतदाताओं की मतदान प्रक्रिया को चोरी-छिपे रिकॉर्ड किया है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों और मतदाताओं की गोपनीयता का गंभीर उल्लंघन बताया है।