विरोध के बावजूद वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाना जारी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bhandara News: भंडारा जिले में वाहनों पर रिफ्लेक्टर और हेडलाइट पर काली पट्टी लगाने के नाम पर चल रही कार्रवाई को लेकर स्थानीय जन प्रतिनिधियों के विरोध के बावजूद वाहनों से शुल्क लेकर रिफ्लेक्टर लगाना जारी है। गाज़ियाबाद निवासी पवनकुमार तोमर और वीरेंद्रकुमार तोमर को भंडारा पुलिस की विशेष शाखा ने यह कार्य करने की अनुमति दी है। इसके तहत दोनों व्यक्तियों द्वारा साकोली तहसील के सेंदुरवाफा टोल प्लाज़ा के पास वाहनों को रोककर रिफ्लेक्टर लगाए जा रहे हैं।
हालांकि वाहन मालकों ने रिफ्लेक्टर लगाने वालों से आदेश मांगने पर वे उसे दिखने में असमर्थ रहे। दोपहिया, तीनपहिया, ट्रैक्टर, ट्राली, बैलगाड़ी और हाथठेले पर यह कार्य निशुल्क है, जबकि कारों से 100 रुपये और भारी वाहनों से 200 रुपये लिया जा रहा है। किसी मामले में शुल्क अधिक भी लिया जा रहा है ऐसी शिकायत है। नागरिकों ने इस पर आपत्ति जताई है।
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष विकास मदनकर ने कहा कि इस कार्य को जिले की सुशिक्षित बेरोजगार संस्थाओं को सौंपा जाए, ताकि स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल सके। तोमर बंधुओं द्वारा दी जाने वाली रसीद पर न तो किसी पंजीकृत संस्था का नाम, क्रमांक या पता है और न ही राष्ट्रीय राजमार्ग का सही क्रमांक। हालांकि विकास मदनकर ने कहा की विधायक परिणय फुके और पालकमंत्री द्वारा इस प्रक्रिया को रोकने के आदेश दिए जा चुके हैं लेकिन पुलिस विभाग की शह पर यह कार्य अभी भी शुरू है।
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मदनकर ने मांग की कि यदि रिफ्लेक्टर लगाना अनिवार्य है तो टेंडर प्रक्रिया अपनाकर स्थानीय संस्थाओं को अवसर दिया जाए। भंडारा में भी ऐसी अनुभवी संस्थाएं हैं जिन्होंने इसके पहले यह कार्य किया है। इससे रोजगार सृजन होगा और बाहरी लोगों द्वारा की जा रही मनमानी एवं लूट पर रोक लगेगी।
दिनेश गहाने नामक एक वाहन चालक ने शुक्रवार को बताया कि भंडारा-गोंदिया सीमा पर रोड सेफ्टी के नाम पर कुछ लोगों ने रोककर 300 रुपये की मांग की। जब उन्होंने वैध अनुमति पत्र दिखाने को कहा तो उनके पास कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं था। इस प्रकार वाहन चालकों को रोककर धन की मांग करना पूर्णतः अवैध है, जिससे वहाँ चालकों में आक्रोश फैल गया है। प्रशासन से मांग की गई है कि इस मामले की तुरंत गहन जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।