प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Bhandara Local Body Election: साढ़े तीन साल से लटकी पड़ी स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं की चुनाव प्रक्रिया अब शुरू होने की उम्मीद है। जैसे-जैसे चुनावी बिगुल बजने की संभावना बढ़ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक हलचलें भी तेज हो गई हैं। पूर्व नगरसेवक अपने पुराने जनसंपर्कों को फिर से सक्रिय कर रहे हैं, तो वहीं नए चेहरे मैदान में उतरकर पुराने नेताओं को टक्कर देने की रणनीति बना रहे हैं।
भंडारा नगर परिषद चुनाव के लिए लंबे समय से तैयारी में जुटे इच्छुक उम्मीदवार अब पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं। कई पूर्व नगरसेवकों ने दोबारा सत्ता में वापसी के लिए “स्वयं या पत्नी” के माध्यम से नामांकन की योजना बनाई है। वहीं, आरक्षण में हुए बदलाव के कारण कुछ नेताओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया है और उन्होंने तैयारी से पीछे हटने का निर्णय लिया है।
दिवाली के बाद अब भंडारा शहर का माहौल पूरी तरह से चुनावी रंग में रंग चुका है। कई इच्छुक उम्मीदवारों ने दिवाली गिफ्ट के बहाने घर-घर जाकर नागरिकों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है।
गली-मोहल्लों में नेताओं की बैठकें शुरू हो गई हैं।त्योहार के साथ ही अब राजनीति भी गर्माने लगी है। नगर परिषद चुनाव की आहट के साथ ही प्रमुख राजनीतिक दलों की बैठकों में तेजी आ गई है। प्रत्येक दल अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत उम्मीदवारों की तलाश में जुट गया है।
इस बार तोड़फोड़ और गठजोड़ का खेल भी देखने को मिलेगा, इसमें कोई संदेह नहीं। टिकट वितरण को लेकर दलों के भीतर मतभेद और खींचतान देखने को मिल सकती है। आने वाले दिनों में कुछ नए समीकरण भी बन सकते हैं।
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इस बार भंडारा नगर परिषद का अध्यक्ष पद अनारक्षित (महिला) कोटे में आने से चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। कई वरिष्ठ नेताओं के सपने अधूरे रह गए हैं, जबकि कई नई महिला चेहरे प्रचार में सक्रिय हो चुकी हैं।शहरभर में पोस्टर, होर्डिंग्स और सोशल मीडिया कैंपेन के जरिए उन्होंने अपनी दावेदारी जतानी शुरू कर दी है। भाजपा से सबसे अधिक दावेदार मैदान में दिख रहे हैं, जबकि अन्य दल भी अपनी तैयारियों में जुट गए हैं।
भंडारा नगर परिषद में कुल 17 प्रभागों से 35 नगरसेवकों का चुनाव होना है, जबकि नगराध्यक्ष सीधे जनता के माध्यम से चुना जाएगा। हर प्रभाग में कई इच्छुक उम्मीदवार होने से दलों को टिकट वितरण में भारी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। गुप्त बैठकों और रणनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है। आने वाले कुछ दिनों में टिकट की घोषणा के साथ ही राजनीतिक तापमान और अधिक बढ़ने की संभावना है।