
भंडारा नगर परिषद (सोर्स: सोशल मीडिया)
 
    
 
    
Bhandara Pawani Municipal Council Corruption Case: दिवाली मिलन में विधायक डॉ. परिणय फुके द्वारा भंडारा और पवनी नगर परिषद में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद जिलाधिकारी ने भंडारा नगर परिषद के मुख्याधिकारी करणकुमार चौहान और पवनी नगर परिषद के मुख्याधिकारी नीलेश इंगोले को तीन दिन में जानकारी प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। लेकिन नोटिस मिलते ही भंडारा मुख्याधिकारी ने 14 नवंबर 2025 तक चिकित्सीय अवकाश ले लिया।
उनके अवकाश पर जाने के बाद लाखनी नगर पंचायत के मुख्याधिकारी आशीष घोडे को भंडारा नगर परिषद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है, जबकि साकोली-सेंदूरवाफा नगर परिषद के मुख्याधिकारी मंगेश वासेकर को जिला सह आयुक्त, नगरपालिका प्रशासन के रूप में तात्पुरता दायित्व दिया गया है।
भंडारा जिले में विकास कार्यों के टेंडर में कथित अनियमितताओं का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। विधान परिषद सदस्य डॉ. परिणय फुके ने हाल ही में आरोप लगाया था कि भंडारा जिले में विकास कार्यों के टेंडर मनमाने तरीके से जारी किए गए हैं और 20 से 25 प्रतिशत तक कमीशन के आधार पर कार्यों का वितरण किया गया है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को भी शिकायत सौंपी थी।
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जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि प्रशासकीय मंजूरी प्राप्त किए बिना कुछ निविदाएं प्रशासकीय मंजूरी के अधीन बताते हुए जारी की गईं और बाद में रद्द भी कर दी गईं।
यह कार्यवाही अधिकारों के दुरुपयोग और प्रशासनिक अनियमितता का उदाहरण मानी जा रही है। शहर में यह चर्चा जोरों पर है कि इस पूरे प्रकरण के पीछे भंडारा के एक स्थानीय नेता का दबाव था। माना जा रहा है कि मुख्याधिकारी केवल बलि का बकरा बन रहे हैं।






