कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
Bhandara Ganeshotsav Mandal Electricity Connection: गणेशोत्सव जैसे पवित्र पर्व पर जहां श्रद्धा और व्यवस्था दोनों का संगम होना चाहिए, वहीं भंडारा जिले के सार्वजनिक गणेश मंडलों ने महावितरण को करारा शॉक दिया है। महावितरण ने सस्ते दरों पर अस्थायी बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने और सुरक्षा के दृष्टिकोण से इसका पालन करने की अपील की थी, मगर आंकड़े बताते हैं कि जिले के 672 पंजीकृत मंडलों में से केवल 14 ने ही अधिकृत कनेक्शन लिया, जबकि 658 मंडल अब भी चोरी की बिजली से रोशनी कर रहे हैं।
गणेशोत्सव में मंडप, झांकी, रोशनी और ध्वनि व्यवस्था के लिए भारी मात्रा में बिजली खर्च होती है। मगर अधिकतर मंडलों ने नजदीकी पोल से तारें जोड़ लीं। दुकानदारों से सप्लाई ले ली या सीधे तार टांगकर अनधिकृत उपयोग शुरू कर दिया। इससे महावितरण को लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। यह हर साल होता आया है।
बारिश के मौसम में शॉर्टसर्किट और करंट से दुर्घटनाओं का खतरा और बढ़ जाता है। महावितरण ने पहले ही चेतावनी दी थी कि बिना अधिकृत कनेक्शन बिजली लेने वालों पर भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 के तहत कार्रवाई होगी, लेकिन सच्चाई यह है कि अब तक किसी मंडल पर दंडात्मक कार्यवाही नहीं हुई।
भंडारा पुलिस विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार जिले में इस वर्ष 672 सार्वजनिक गणेश मंडल और 319 ‘एक गांव एक गणपति’की स्थापना हुई है। इन मंडलों को ध्वनि विस्तारक, यातायात शाखा, नगर परिषद/ग्राम पंचायत, विद्युत विभाग और सार्वजनिक निर्माण विभाग से अनुमति लेने के निर्देश थे। परंतु बिजली का कनेक्शन लेने वालों की संख्या मात्र 14 है, जो कि हमेशा की तरह बेहद कम है।
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महावितरण के आंकड़ों के अनुसार भंडारा शहर में 06, मोहाडी में 01, तुमसर में 06 और साकोली में 01 कनेक्शन लिया गया है। इसका अर्थ है कि कुल 14 कनेक्शन लिए गए, जबकि भंडारा ग्रामीण, पवनी और लाखांदुर विभाग में एक भी मंडल ने अधिकृत बिजली कनेक्शन नहीं लिया।
पिछले वर्ष भी भंडारा जिले के 608 गणेश मंडलों में से केवल 20 मंडलों ने ही अधिकृत कनेक्शन लिया था। बाकी सभी ने अनधिकृत उपयोग किया, लेकिन एक पर भी कार्रवाई दर्ज नहीं हुई। सवाल यही है कि जब अनुमति और सुरक्षा की इतनी शर्तें हैं, तब बिना बिजली कनेक्शन लिए मंडलों को मंजूरी कैसे दी गई? क्या श्रद्धा के नाम पर नियमों की अनदेखी जारी रहेगी और प्रशासन आंख मूंदे बैठेगा?