मनोज जरांगे ने किया खुलासा (सौजन्य-सोशल मीडिया)
छत्रपति संभाजीनगर: मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने सोमवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले अपने सहयोगी वाल्मिक कराड के साथ उनसे मुलाकात की थी। कराड को बीड जिले के मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़े जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया था और वह न्यायिक हिरासत में है।
वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी के बाद से धनंजय मुंडे को आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री उसी जिले से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक हैं। सरपंच की हत्या की निष्पक्ष जांच के लिए विपक्ष मुंडे को हटाने की मांग कर रहा है।
देशमुख का 9 दिसंबर, 2024 को अपहरण कर हत्या कर दी गई थी, जब वह बीड में एक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली के प्रयास को रोकने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने अब तक इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि आरोपी कृष्ण अंधाले अभी भी फरार है।
यह पूछे जाने पर कि क्या मुंडे उनसे मिलने आए थे, जरांगे ने सोमवार को कहा, “(विधानसभा) चुनाव के दौरान हर कोई मुझसे मिल रहा था। वह (मुंडे) मेरे पास आए और उस समय वाल्मिक कराड भी उनके साथ थे।” कार्यकर्ता ने कहा कि उस समय विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पिछले साल नवंबर 2024 में होने थे।
छत्रपति संभाजीनगर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान जरांगे ने संवाददाताओं से कहा, “मैंने सोचा कि मुझे उनसे नहीं मिलना चाहिए, लेकिन वह बाहर इंतजार कर रहे थे। फिर मैं उनसे मिलने गया। वहां, मुंडे ने मुझे उनके (कराड) बारे में बताया।” जरांगे ने कहा कि फिर उन्होंने मुंडे से पूछा कि क्या कराड ही वह व्यक्ति है जो ‘हार्वेस्टर’ मशीनें खरीदने के इच्छुक कुछ लोगों के पैसे हड़पने में शामिल था।
उन्होंने बैठक की जगह के बारे में जानकारी नहीं दी और दावा किया, “मैंने (कराड) गेवराई के एक कार्यकर्ता के माध्यम से लोगों के पैसे वापस करने के लिए कहा था। कार्यकर्ता भी कराड को जानता था। मैं उसका नाम जानता था और बाद में जब वह धनंजय मुंडे से मिलने आया, तो मैं उससे मिला।” सरपंच हत्या मामले में आरोपी अंधाले के बारे में पूछे जाने पर, जरांगे ने आरोप लगाया कि उसे अभी तक पुलिस ने नहीं पकड़ा है क्योंकि उसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।
उन्होंने आरोप लगाया, “यह एक ही गिरोह है। वह (मुंडे) और दूसरा (कराड) एक तस्वीर में साथ दिख रहे हैं। वे (सरपंच मामले की जांच) गुमराह कर रहे हैं।” जरांगे ने दावा किया कि अंधाले को पास के इलाके में छिपा कर रखा गया हो सकता है। कार्यकर्ता ने अधिक जानकारी दिए बिना कहा, “उसे छिपा कर रखा गया है क्योंकि वह कुछ रहस्य जान सकता है जिससे सच्चाई सामने आ सकती है।”
सरपंच की हत्या एक तरह से जाति का मुद्दा भी बन गई है क्योंकि देशमुख मराठा थे जबकि अधिकांश आरोपी वंजारी समुदाय से हैं, जो बीड क्षेत्र में एक प्रमुख समुदाय है। विपक्ष और सत्तारूढ़ दलों के कुछ नेताओं ने वंजारी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग की है। उनका आरोप है कि उनके सहयोगी कराड और हत्या मामले के बीच संबंध है।
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अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे जरांगे ने पांच दिनों के विरोध के बाद 30 जनवरी को अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त कर दिया था। उन्होंने दावा किया था कि सरकार के प्रतिनिधियों ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी कई मांगें मान ली जाएंगी। (एजेंसी इनपुट के साथ)