फर्जी महिला ऑफिसर (सौ. सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhaji Nagar News In Hindi: सेना की वर्दी, सीने पर तमगे और लाल पोशाक में दिखने वाली 48 वर्षीय महिला को देखकर हर कोई सलाम ठोकता था। लोग मानते थे कि वह देश की सेवा कर चुकी एक सेवानिवृत्त महिला अधिकारी है। लेकिन हकीकत में यह एक बड़ा फर्जीवाड़ा निकला।
खुफिया विभाग (आईबी) की सतर्कता और दौलताबाद पुलिस की त्वरित कार्रवाई से इस ‘फर्जी कैप्टन’ का खेल खत्म हो गया। दौलताबाद इलाके में रहने वाली महिला का नाम रुचिका अजीत जैन है, जो अस्थायी रूप से धरमपुर, छत्रपति संभाजी नगर की निवासी बताई गई है। उसके खिलाफ दौलताबाद थाने में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने छापा मारकर उसके घर से भारी मात्रा में सेना की वर्दियां, नेमप्लेट, नकली पहचान पत्र, मेडल, सैनिकों की तस्वीरें और विभिन्न संगठनों से मिले सम्मान जब्त किए, पुलिस जांच में सामने आया है कि शहर की कई आर्मी भर्ती तैयारी करानेवाली अकादमियों ने इस महिला को अपने कार्यक्रमों में मंच पर उतारा था। छात्रों को प्रेरित करने के नाम पर ‘कैप्टन’ बता कर उसकी खूब प्रशंसा की गई थी। यही नहीं, कई सामाजिक संगठनों ने भी उसे सम्मानित किया है। सूत्रों के अनुसार, राज्यभर में कई ऐसी अकादमियां चल रही हैं, जो युवाओं को नकली अधिकारियों से मिलवाकर गुमराह कर रही हैं।
रुचिका जैन का रहन-सहन और शारीरिक भाषा इतनी प्रभावशाली थी कि वह खुद को वास्तविक सैन्य अधिकारी साबित कर देती थी। उसकी पहचान ने इतनी गहरी पैठ बना ली थी कि लोग सदेह करने की स्थिति में ही नहीं थे। कई अवसरों पर उसे ‘सेना सेवाओं’ के लिए पुरस्कार और मंचीय सम्मान भी दिए गए। आईबी की सूचना पर दौलताबाद पुलिस ने कार्रवाई की। सहायक फौजदार जाधव की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया। जांच उपनिरीक्षक बोडखे को सौपी गई है। आरोपी के घर से मिले सामान में सेना की लड़ाकू वर्दी, ‘कैप्टन रुचिका जैन’ नाम की नेमालेट, विशेष बलों की पोशाक और विभिन्न संगठनों जैसे भारतीय जैन संगठन श्रीरामपुर, जैन नवयुवक मंडल चालीसगांव और नंदीग्राम मित्र मंडल बजाज नगर से मिले पुरस्कार भी शामिल हैं।
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पुलिस ने आरोपी का बैंक खाता सीज करने का पत्र जारी किया है। साथ ही, उसके श्रीरामपुर और मालेगांव कनेक्शन की भी पड़ताल की जा रही है। जांच एजेंसियां यह भी समझने की कोशिश कर रही हैं कि कहीं इसका कोई संबंध आतंकवादी गतिविधियों से तो नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम ने शहर की आर्मी भर्ती तैयारी अकादमियों और सामाजिक संगठनों की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल, पुलिस और खुफिया विभाग की जांच जारी है।