महाराष्ट्र में महिला वोटर्स (सौ. सोशल मीडिया )
Maharashtra Local Body Election: जैसे-जैसे आने वाले मनपा चुनाव की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं, कुल 29 प्रभागों में से महिला वोटरों की ताकत साफ दिख रही है।
पुरुष और महिला वोटरों की संख्या में बहुत कम अंतर है, इसलिए इन प्रभागों में आखिरी नतीजा महिलाओं के पक्ष में जाने की संभावना पर राजनीतिक हलकों में गरमागरम बहस हो रही है।
प्रभाग क्रमांक 3, 11, 17, 18 और 19 पांच बहुत जरूरी प्रभाग हैं। चूंकि आगामी मनपा चुनाव प्रभाग के हिसाब से होने जा रहे है, इसलिए मनपा ने प्रभाग रचना, रिजर्वेशन और दूसरी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद 20 नवंबर को वार्ड के हिसाब से वोटर लिस्ट जारी कर दी थी।
शहर के 11 लाख 18 हजार 118 वोटर्स में से 5 लाख 43 हजार 99 महिला वोटर्स हैं। इसका मतलब है कि लगभग आधे नगरसेवक के चुनाव में महिलाएं अपनी छाप छोड़ेंगी, और इतना ही नहीं, कुछ प्रभाग में तो वे सीधे ‘किंगमेकर’ भी बनेंगी। मनपा के 29 प्रभाग में से से 115 नगरसेवक चुने जाने हैं। जिनमें से 58 सीटे महिलाओं के लिए रिजर्व है।
रिजर्वेशन से ज्यादा असरदार फैक्टर महिला बोटर्स का सीधा बोट है। महिलाओं को रोजाना की घरेलू और रिहायशी दिक्कतों जैसे पानी की सप्लाई, ड्रेनेज, बंद स्ट्रीट लाइट्स, हेल्थकेयर, सड़कों की हालत का खामियाजा भुगतना पड़ता है। इसलिए, आपको कैसा नगरसेवक चाहिए?
इस सवाल का असली जवाब महिला वोटर्स ही देती हैं। महिलाओं को टारगेट करने वाली लाडली बहन स्कीम का असर अभी भी दिख रहा है। हालांकि, कई प्रभाग में यह साफ रुख देखा जा रहा है कि लोकल मामलों में इमोशनल या बहकाने वाले नहीं बल्कि काम करने वाले जनप्रतिनिधि की जरूरत है।
इसलिए, यह तय है कि सभी पार्टियां इन उन पांच प्रभाग में महिला वोटरों पर फोकस करेंगी। इन आंकड़ों से साफ है कि कुछ वार्ड में अंतर सी के अंदर है, है। तो कुछ जगहों पर चार सौ-पांच सौ तक लेकिन चूंकि दोनों वोटर लगभग एक जैसे हैं, इसलिए महिलाओं के वोटों की दिशा उम्मीदवारों के चयन, प्रचार और स्थानीय सवालों के जवाब देने में निर्णायक होगी।
ये भी पढ़ें :- Kalyan में स्वच्छता को नई दिशा, गंदगी वाले स्पॉट साफ कर रंगोली-भित्तीचित्र से सजेंगे
लाडली बहना योजना का असर यह है कि महिलाओं को सीधे आर्थिक मदद मिल रही है, जिससे उनके सशक्तिकरण और सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है। यह योजना महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तीकरण की दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है।