जायकवाड़ी डैम (सौ. सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhajinagar News In Hindi: ऐतिहासिक प्री-मानसून बारिश और जोरदार मानसून के कारण इस वर्ष महाराष्ट्र के बांधों में उपयोगी जलसंचय 91।41 प्रतिशत तक पहुंच गया है। यह पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक जलसंचय है।
इस वजह से इस वर्ष महाराष्ट्र में रबी और गर्मी की फसलों के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध रहेगा। साथ ही, यदि अगले वर्ष बारिश में देरी होती है, तो खरीफ सीजन के लिए सुरक्षित जलसंचय भी बचा रह सकता है। पिछले 25 वर्षों में यह दूसरी बार है जब उपयोगी जलसंचय 90 प्रतिशत से अधिक हुआ है।
इससे पहले 2006-07 में राज्य के बांधों में 92 प्रतिशत जलसंचय दर्ज किया गया था। जलसंपदा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कुल 2997 लघु, मध्यम और बड़े सिंचन प्रकल्प हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 48,423.66 दशलक्ष घनमीटर (एमसीएम) है। इनमें से 37,952.57 एमसीएम पानी उपयोगी जलसंचय के रूप में उपलब्ध है। यह स्थिति खेती और पेयजल की दृष्टि से राज्य के लिए राहत की खबर मानी जा रही है।
महाराष्ट्र में 56 लाख हेक्टेयर से अधिक सृजित सिंचित क्षेत्र है। अब इस पूरी खेती को पानी दिया जा सकेगा। साथ ही, पीने के पानी और उद्योगों के सामने जो जल संकट था, वह भी अब दूर होगा। रबी और गर्मी के मौसम में अधिक से अधिक फसलों को पानी देना संभव होगा। सृजित सिंचन क्षमता में से अधिकतम क्षेत्र को सिंचाई के दायरे में लाने की चुनौती अब सामने है। इसके साथ ही, यदि पानी बचता है तो अगले साल बारिश में देरी होने पर खरीफ की फसलों के लिए संरक्षित सिंचाई भी उपलब्ध कराई जा सकेगी।
वर्ष | प्रकल्पीय संचय (एमसीएम) | उपयोगी संचय (एमसीएम) | प्रतिशत (%) |
---|---|---|---|
2016 | 43,241 | 29,971 | 69 |
2017 | 43,752 | 27,607 | 63 |
2018 | 43,571 | 23,004 | 53 |
2019 | 43,837 | 30,110 | 69 |
2020 | 43,934 | 34,236 | 78 |
2021 | 43,470 | 34,443 | 79 |
2022 | 43,477 | 34,479 | 79 |
2023 | 43,742 | 32,596 | 74.5 |
2024 | 40,498.41 | 35,611.59 | 87.93 |
2025 | 40,535.84 | 37,053.57 | 91.41 |
(2024 और 2025 के आंकड़े दैनिक जल संचय के अनुसार हैं।)
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लाभक्षेत्र विकास प्राधिकरण के सेवानिवृत्त सहायक अधीक्षक अभियंता जे एन हिरे ने कहा है कि 2006 में राज्य के गोदावरी, कृष्णा घाटी की नदियों सहित कोकण की नदियों में भी बाढ़ आई थी। उस वर्ष राज्य के बांधों की उपयोगी जल संचय क्षमता 29,531 दशलक्ष घनमीटर थी। बांधों में 27,309 दशलक्ष घनमीटर, लगभग 92 प्रतिशत जल संचय था। महाराष्ट्र के बांधों में उपयोगी जल संचय 92 प्रतिशत था।