सांकेतिक तस्वीर
Chhtrapati Sambhaji Nagar News In Hindi: मुंबई व पुणे के बाद अब छत्रपति संभाजीनगर शहर भी नशे की चंगुल में फंस गया है। मुकुंदवाड़ी पुलिस थाने के विशेष दस्ते ने शनिवार, 30 अगस्त की रात बड़ी कार्रवाई कर 15 लाख रुपए मूल्य की डेढ़ किलो चरस जब्त कर ली प्रकरण में 4 पेडलर व सरगना की मां को पुलिस ने दबोच लिया।
मुख्य आरोपी चकमा देने में सफल रहा। पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी पेडलरों में मोहम्मद मुज्जमिल (24), नोमान खान इरफान खान (21), मोहम्मद लैखुद्दीन मोहम्मद मिराजुद्दीन (25, तीनों निवासी रहमान कालोनी), शेखा रहान शेता अशफाक (19, कटकट गेट) शामिल हैं।
फरार मुख्य आरोपी शेख मोबिन शेख मैनोद्दीन की खोजबीन जारी है। उसकी मां शेख सुलताना की संलिप्तता सामने आने के बाद उसे 31 अगस्त को दबोचा गया आरोपी मो। नजीर पर 2024 में जिन्सी पुलिस थाने में कातिलाना हमले का केस दर्ज है।
गणेशोत्सव की पार्श्वभूमि पर कानून व व्यवस्था बरकरार रखने व नशीले पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए मुकुंदवाड़ी पुलिस ने विशेष दस्ते का गठन किया है। उप निरीक्षक शिवाजी घोरपड़े को 30 अगस्त को सूचन मिली थी कि अंबिका नगर क्षेत्र की इमारत में कुछ युवक चरस बेचने आए हैं। सहायक निरीक्षक संजय बहुरे के मार्गदर्शन में दस्ते ने दबिश देने पर आरोपी बैठे हुए दिखाई दिए। तलाशी लेने पर 1।5 किलो चरस व 2 बाइक जब्त ली।
मुख्य आरोपी शेख मोबिन चालक है व उसकी मां सुलताना घर-घर जाकर परिवारिका का काम करती है। पुलिस को शक है कि मोबिन अपराध का मुराय डीलर है, जो माल लाता था। अन्य डीलर शहर के रिहायशी इलाको में उसकी बिक्री करते थे। जात माल फॉरेन्सिक जांच के लिए भेजा गया रिपोर्ट में आला दर्जे की चरस होने का खुलासा हुआ। सभी आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जांच सहायक निरीक्षक बहुरे कर रहे हैं, था।
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यह कार्रवाई पुलिस आयुक्त प्रवीण पवार, उपायुक्त प्रशांत स्वामी, सहायक आयुक्त मनीष कल्याणकर के मार्गदर्शन में निरीक्षक सचिन इंगोले, सहायक निरीक्षक संजय बहुरे, उप निरीक्षक शिवाजी पोरपड़े, नरसिंह पवार, बावासाहब कांबले, अनिल चोरे, गणेश वाघ आदि ने की। हैरत की बात यह है कि नशीली पदार्थों की बिक्री पर रोकथाम के लिए शहर में स्वतंत्र एनडीपीएस दस्ता कार्यरत है। हकीकत यह है कि यह दस्ता बड़ी कार्रवाइयों को अंजाम देने के बजाए मामूली नशीली गोलियां व दवाइयां जब्त करने में धन्यता मानता है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि यदि पुलिस थाने के दस्ते को ही यह कारवाई करनी है, तो फिर स्वतंत्र एनडीपीएस दस्ते की क्या जरूरत है।