पैठण नगर परिषद (सौ. सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhajinagar News In Hindi: नगरपालिका के नगराध्यक्ष पद के लिए मुकाबला बेहद रोचक मोड़ पर अंतिम दिन पहुंचा है। कल मंगलवार 2 दिसंबर को नगराध्यक्ष के अलावा नगरसेवकों को चुनने के लिए मतदान होगा।
कई शहरों में त्रिकोणी संघर्ष बन चुका है, वहीं, जिले के पैठण में नगराध्यक्ष पद के लिए अचानक समीकरण बदलने से राजनीतिक माहौल गरमा गया है। हर नगर पालिका में प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवारों के बीच कड़ा संघर्ष दिखाई दे रहा है।
जिले के वैजापुर, गंगापुर, कन्नड, सिल्लोड, खुलदाबाद, पैठण नगरपालिका में नगराध्यक्ष व नगरसेवक चुनने के लिए कल मंगलवार को मतदान होने, जा रहा है। बीते एक माह से नगरपालिका व नगर पंचायत चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी थी। जिले के वैजापुर में नगराध्यक्ष पद को लेकर भाजपा, शिवसेना और कांग्रेस में कड़ी टक्कर है। वैजापुर नगराध्यक्ष पद को लेकर सीधा संघर्ष है।
गंगापुर नगर पालिका के लिए भी त्रिकोणीय संघ हो रहा है, यहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक साबिता होंगे, गंगापुर में भाजपा के प्रदीप पाटिल, एनसीपी (अजित पवार गुट) के संजय जाधव, और कांग्रेस के मोहसिन चाडस के बीच मुकाबला कड़ा हो गया है।
यहां मुस्लिम मतदाता और मराठा समुदाय के भूमिका निर्णायक मानी जा रही है। वहीं, सिल्लोड नगर पालिका में विधायक अब्दुल सत्तार गुटा बनाम भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला ही रहा है। सिल्लोड में शिवसेना (शिंदे) के अब्दुल समीर सत्तार और भाजपा के मनोज मोरेल्लू के बीचा सीधी टक्कर है।
शहर में दोनों पक्षों ने शक्ति प्रदर्शन कर चुनाव की प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया है, कन्नड नगराध्यक्ष पद के लिए बहुकोणीय मुकाबला होने जा रहा है। कन्नड में एनसीपी भाजपा युति की स्वाति कोल्हे, कांग्रेस के शेखा फरीन और शिवसेना (शिंदे) की अनीता मैदान में है। त्रिकोणीय संघर्ष होने से पेचीदा हो गया है। खुलताबाद नगराध्यक्ष पद के लिए तीनों प्रमुख दल आमने-सामने है, जिसमें सैयद आमेर पटेल, परसराम बारगल और गट। हाजी अकबर वेग है।
पैठण नगरपालिका में समीकरण अचानक बदल गए है। पहले माने जा रहे सेट पैटर्न को तोड़ते हुए भाजपा की मोहिनी लीलगे, शिवसेना (शिंदे) की विद्या कावसनकर और उबाठा की अपर्णा गोर्ड के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है।
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इन तीनों के बीच मुकाबला त्रिकोणी हो गया है, भाजपा की मोहिनी लोलगे के मैदान में आने से दोनों अन्य पक्षों की रणनीति प्रभावित हुई है। स्थानीय जातीय समीकरण, महिला मतदाताओं का रुझान और पार्टी की आंतरिक एकजुटता तीनों ही पैठण में जीत-हार तय करने वाले कारक माने जा रहे है।