बीएसएनएल 4 जी (सौ. सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhajinagar News: रजत महोत्सवी वर्ष में भारत संचार निगम लिमिटेड अर्थात बीएसएनएल टीसीजे/तेजस के एकत्रीकरण के साथ स्वदेशी C-DOT कोर पर आधारित अखिल भारतीय 4G सेवा शुरू कर रहा है।
इससे केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत के नीतिगत दूरसंचार दृष्टिकोण को पुष्टि मिल रही है। देशव्यापी समर्पण के हिस्से के रूप में बीएसएनएल ने देश भर में 97,500 नई 4G साइट्स कार्यान्वित की है। जिसमें पूरे महाराष्ट्र में साइट्स की संख्या 9,139 है। औरंगाबाद जिले में 16, जालना में 19 व बुलढाणा जिले में 44 साइट्स हैं व ये टॉवर्स सौर ऊर्जा पर संचालित हैं।
सहायक महाप्रबंधक (प्रशासन) के संजय सोमानी ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2025 को ओडिशा के झारसुगुड़ा में बीएसएनएल के स्वदेशी विकसित 4G नेटवर्क का उद्घाटन किया। इससे आत्मनिर्भर भारत उपक्रम के अंतर्गत ऐतिहासिक चरण पूरा हुआ। नेटवर्क पूरी तरह भारत ने खुद के तकनीकी स्टैक का इस्तेमाल कर बनाया है। जिसमें C-DoT का कोर, तेजस नेटवर्क्स व आईटीआई रेडिओ एक्सेस उपकरण हैं।
सोमानी का कहना रहा कि स्वदेशी 4G नेटवर्क की लॉचिंग के चलते भारत विश्व के उन पांच चुनिंदा राष्ट्रों के समूह में शामिल हुआ है, जिन्होंने पूर्णतः घरेलू 4G स्टेक विकसित व तैनात किया है। यह उपलब्धि तकनीकी सार्वभौमत्व व राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में भारत की भूमिका को मजबूती देती है। BSNL का स्वदेशी 4G रोलआउट भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड के विलीनीकरण जैसे व्यापक राष्ट्रीय उपक्रमों को भी समर्थन करता है, भारतनेट फायबर डिप्लॉयमेंट व ऑपरेशन्स सुव्यवस्थित करता है जिससे ग्रामीण भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी की गति बढ़ेगी बीएसएनएल व सभी भागधारक मीडिया कवरेज व नागरिक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान अंतर्गत भारत के डिजिटल सफर में एक राष्ट्रीय विजय के रूप में बनाने की वचनबद्धता भी सोमानी ने जताई।
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टीसीएस सिस्टीम इंटिग्रेटर के रूप में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली 5G में सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने योग्य है, जो भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता दर्शाती है। भारत में बीएसएनएल हरित दूरसंचार साइट्स का सबसे बड़ा समूह बन गया है व शाश्वत आधारभूत सुविधाओं की दिशा में एक कदम है। विशेष बात यह है कि उक्त 4G साइट्स में सौर ऊर्जा पर संचालित हरित दूरसंचार टॉवर्स का भारत का सबसे बड़ा भाग शामिल है व इससे कनेक्टिविटी के साथ ही शाश्वतता को भी महत्व दिया जा रहा है।