प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: AI)
Chhatrapati Sambhaji Nagar News In Hindi: नगर भूमापन कार्यालय (सिटी सर्वे ऑफिस) मृतक के नाम पर फर्जी पीआर कार्ड बनाकर फ्लैट किसी और के नाम करने के आरोप में संदेह के घेरे में आ गया है। यह घटना 28 अगस्त को सामने आई थी।
सूत्रों ने बताया कि इस मामले में आरोपी नगर भूमापन अधिकारी समीर दानेकर और महिला कर्मचारी अंजलि यलगिरे के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है और दोनों फरार हैं। इस बीच, समीर दानेकर ने जिला एवं सत्र न्यायालय में गिरफ्तारी पूर्व जमानत पाने के लिए संघर्ष शुरू कर दिया है और वह फिलहाल फरार है। इस मामले के जांच अधिकारी, पुलिस निरीक्षक अतुल येरमे ने बताया कि जमानत याचिका पर बुधवार, 3 सितंबर को सुनवाई होगी।
पुलिस निरीक्षक येरमे ने बताया कि इस मामले की जांच जारी है और इस अपराध में कुछ और लोग शामिल हैं और आरोपियों की संख्या बढ़ेगी। बता दें कि मृतक के नाम पर फर्जी नोटरी और फ्लैट के अन्य दस्तावेज तैयार करके उस्मानपुरा स्थित क्वीन गार्डन अपार्टमेंट के फ्लैट को हड़पने की घटना उस्मानपुरा इलाके में 30 अक्टूबर 2022 से 17 जून 2025 के बीच घटी। इस मामले में पवन कमलचंद पहाड़े ने नगर भूमापन कार्यालय के संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से फ्लैट हड़प लिया और इस संबंध में उस्मानपुरा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।
शिकायतकर्ता सिद्धार्थ द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, उनके भाई अनिरुद्ध रमेश मिश्रा ने 2015 में क्वीन गार्डन अपार्टमेंट, फ्लैट संख्या 8 खरीदा था। हालांकि, उन्होंने इसे नगर भूमापन कार्यालय में पंजीकृत नहीं कराया था। अनिरुद्ध का 30 अक्टूबर 2022 को निधन हो गया। इस बीच, पवन कमलचंद पहाड़े ने फर्जी नोटरी और फर्जी हस्ताक्षर से 2019 का एक दस्तावेज तैयार किया और 2025 में सिटी नगर भूमि सर्वेक्षण कार्यालय में आवेदन किया।
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सूत्रों ने बताया है कि इस मामले में फेरफार रद्द कर दिया गया है। पीआर कार्ड की जांच चल रही है। इस बीव, पिछले दो वर्षों में जारी किए गए सभी पीआर कार्ड की जांच की मांग की जा रही है। संबंधित विभाग को इस संबंध में कुछ शिकायते भी मिली हैं। प्रतिदिन औसतन 50 पीआर कार्ड ऑनलाइन जारी किए जाते हैं।
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अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंका है और इन सभी पीआर कार्ड की जांच की मांग की जा रही है। जब इस संबंध में और जानकारी मांगी गई, पता चला कि समीर दानेकर छत्रपति संभाजी नगर में शामिल होने से पहले जालना में कार्यरत था। सूत्रों ने बताया कि वहां भी उनके कार्यकाल के दौरान गड़बड़ी सामने आई है और 67 अपराध दर्ज किए गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि इतने बड़े पैमाने पर हुए धांधलिया करने के बावजूद किसी अधिकारी की जांच नहीं की गई, बल्कि दानेकर को मई 2025 में जालना स्थित उप-अधीक्षक भूमि अभिलेख कार्यालय का निरीक्षण करने के लिए भेजा गया। चर्चा है कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जानबूझकर मेहरबानी दिखा रहे है।