भगवान विष्णु की बारात का भव्य स्वागत (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Vishnu Barat Vithhal Temple: आर्णी के विठ्ठल मंदिर संस्थान की ओर से सोमवार, 3 नवंबर को द्वादशी के पावन अवसर पर विठ्ठल मंदिर परिसर में सामूहिक तुलसी विवाह समारोह भक्तिभाव और उत्साहपूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर शहर के 108 परिवारों ने भाग लेकर पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार तुलसी माता और भगवान शालिग्राम (भगवान विष्णु का स्वरूप) का विवाह संम्पन्न कराया।
कार्यक्रम की शुरुआत संध्याकालीन बेला में शाम 5 बजे मंदिर संस्थान के सुनंदादेवी राजाभाऊ पदमावार सभागृह में हुई। विठ्ठल मंदिर संस्थान के अध्यक्ष डॉ. रमेश चिंतावार, सचिव विनायक थोडगे तथा विश्वस्त मंडल के मार्गदर्शन में आयोजन की उत्कृष्ट व्यवस्था की गई थी।
देवउठनी एकादशी के अगले दिन, कार्तिक शुक्ल द्वादशी को भगवान विष्णु (शालिग्राम) और तुलसी माता के पवित्र मिलन का यह प्रतीकात्मक विवाह हर वर्ष भक्तिभाव से मनाया जाता है। शाम 7 बजे गणपती मंदिर से बैंड-बाजे के साथ भगवान कृष्णदेव की बारात निकाली गई, जिसमें सैकड़ों महिला-पुरुषों ने भाग लिया। विठ्ठल मंदिर पहुंचने पर बारात का पारंपरिक औक्षण कर स्वागत किया गया।
समारोह में संस्थान अध्यक्ष डॉ. आर. के. चिंतावार, मनोहर केशववार, विनायकराव थोडगे, रवींद्र पिट्टलवार, अनिल पोदुतवार, अशोकराव भेंडे, अनिता चिंतावार, समृद्धि कथले, राजेश माहेश्वरी आदि गणमान्य उपस्थित थे। यह पारंपरिक विवाह उत्सव आर्णी नगर में भक्तिभाव, सांस्कृतिक परंपरा और सामूहिक एकता का सुंदर उदाहरण बना।
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इसके पश्चात प्रत्येक परिवार द्वारा लाए गए तुलसी वृंदावन और कृष्णदेव को पाट (मंच) पर स्थापित कर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह विधि संपन्न की गई। मंगलाष्टक के निनाद और भक्ति गीतों की मधुर ध्वनियों के बीच श्रीकृष्ण-तुलसी माता का विवाह बड़े हर्षोल्लास से सम्पन्न हुआ। विवाह के बाद आरती और प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर पौरोहित्य का कार्य आनंद थोडगे ने संपन्न किया।