22 जुलाई को मनाया जाएगा गोवंश संरक्षण दिवस
मुंबई: महाराष्ट्र की पशुपालन मंत्री पंकजा मुंडे ने देसी गायों के संरक्षण के लिए एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने घोषणा की है कि हर वर्ष 22 जुलाई को ‘शुद्ध देसी गोवंश संरक्षण एवं संवर्धन दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। इससे पहले ही देसी गाय को राज्य माता ‘गोमाता’ घोषित किया गया है और उसी पृष्ठभूमि में यह निर्णय लिया गया है।
देसी गायों की गुणवत्ता बढ़ाकर होगा अधिक उत्पाद
राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि आधुनिक तकनीकों की सहायता से देसी गायों की गुणवत्ता बढ़ाकर अधिक उत्पादक बनाना है। साथ ही, देशी गायों के दूध, गोबर और गोमूत्र के उत्पादन व विपणन के लिए बाजार उपलब्ध कराने पर भी विशेष बल दिया जाएगा। पशुपालन मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि देसी गायों के संरक्षण और जनजागृति के लिए लिया गया यह निर्णय स्वागत योग्य है। यह स्थानीय नस्लों के संवर्धन की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
संरक्षण और संवर्धन जरूरी है
राज्य के विभिन्न भागों में पाई जाने वाली देशी गायों की प्रमुख नस्लों में मराठवाड़ा में देवणी और लाल कंधारी, पश्चिम महाराष्ट्र में खिलार, उत्तर महाराष्ट्र में डांगी, तथा विदर्भ में गवळाऊ शामिल हैं। लेकिन दूध उत्पादन व प्रजनन क्षमता कम होने के कारण इन गायों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है।
22 जुलाई को होंगे विविध कार्यक्रम
शुद्ध देशी गोवंश संरक्षण एवं संवर्धन दिवस के उपलक्ष्य में चर्चा सत्र, प्रशिक्षण शिविर, प्रदर्शनी और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। यह आयोजन राज्य सरकार के पशुपालन विभाग और महाराष्ट्र गोसेवा आयोग के संयुक्त तत्वावधान में किया जाएगा। इन आयोजनों पर आने वाला खर्च गोसेवा आयोग की निधि से वहन किया जाएगा।