पूर्णा नदी पर बना पुल हुआ खस्ताहाल (सौजन्य-नवभारत)
Purna River: अमरावती जिले के भातकुली तहसील के वाठोड़ा शुक्लेश्वर में पूर्णा नदी पर बना पुल पूरी तरह से खस्ताहाल हो गया है। ऐसे में कभी भी यहां कोई बड़ा हादसा हो सकता है, ऐसी आशंका ग्रामीणों ने जताई है। पूर्णा नदी में इस साल भीषण बाढ़ आई थी। बाढ़ का पानी पुल के ऊपर से बह गया था। ऐसे में ग्रामीणों को लगा कि पुल बह गया होगा। हालांकि पुल किसी तरह बच गया। लेकिन, यह और कितने दिन टिक पाएगा? और कब कोई जानलेवा हादसा हो जाएगा?
यही डर इस पुल पर यात्रा करने वालों को सता रहा है। वाठोड़ा शुक्लेश्वर में पूर्णा नदी पर बना यह पुल नीचे से पूरी तरह से ढह गया है। यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा होने का डर बना हुआ है। फिर भी, जनप्रतिनिधि और प्रशासन इस गंभीर समस्या की अनदेखी क्यों कर रहे हैं, ऐसा सवाल ग्रामीणों ने उपस्थित किया।
भारी बारिश के कारण पूर्णा नदी में बाढ़ आ गई थी। वाठोडा के शुक्लेश्वर में पुल के ऊपर से चार दिनों से पानी बह रहा था। ग्रामीणों ने मान लिया था कि पुल पानी के साथ बह गया होगा। लेकिन पुल किसी तरह बच गया। हालांकि पुल के निचले हिस्से का एक हिस्सा पूरी तरह से ढह गया है। पुल बमुश्किल ढहे हुए सीमेंट के ढेरों को संभाले हुए है। पुल की हालत देखकर, वाहन चालक इस पर से वाहन चलाने की हिम्मत नहीं करेंगे, यह इतनी भयावह स्थिति है। नीचे से ढहने के बावजूद, पुल पर कई जगहों पर बड़ी दरारें हैं, और कुछ जगहों पर छेद हो गए हैं, जबकि एक जगह बड़ा गड्ढा भी है।
वाठोड़ा शुक्लेश्वर गांव के 80 फीसदी ग्रामीणों को अपने खेतों में जाने के लिए इसी पुल को पार करना पड़ता है। कुछ ही दिनों में कृषि सामग्री का निर्यात होगा तो इस पुल पर ट्रैक्टर चलाए जाएंगे। आज भी कई छोटे-बड़े वाहन बहादुरी से इस पुल को पार कर रहे हैं। डोंगरगांव, चंडिकापुर, टाकरखेड़ा, खल्लार जैसे कई गांवों को इस सड़क को पार करना पड़ता है। इन सभी गांवों का आवागमन इसी सड़क से होता है। ट्रक, ट्रैक्टर, कार जैसे वाहनों के लिए इस जर्जर पुल को पार करना बेहद खतरनाक है। ऐसा वाठोड़ा शुक्लेश्वर के योगेश पारे ने बताया।
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पूर्णा नदी के किनारे कई मंदिर हैं, जिनमें जागृति शिवलिंग के नाम से प्रसिद्ध वाठोड़ा शुक्लेश्वर स्थित शुक्लेश्वर मंदिर भी शामिल है। नदी के किनारे स्थित मंदिर की भूमि पानी के तेज बहाव के कारण लगातार खिसकती जा रही है। इस मंदिर में कई श्रद्धालु आते हैं। मंदिर का रास्ता भी इसी पुल से होकर जाता है।
ग्राम सभा ने इस पुल की मरम्मत के संबंध में जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजा है। सांसद बलवंत वानखड़े और विधायक राजेश वानखड़े इस पुल की गंभीर स्थिति का निरीक्षण कर चुके हैं। जनप्रतिनिधि और प्रशासन यहां की स्थिति से पूरी तरह वाकिफ हैं, लेकिन पुल की मरम्मत को लेकर अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है, जो ग्रामीणों के लिए एक बड़ा आश्चर्य है।