धरने पर बैठे अमरावती के शिक्षक (फोटो नवभारत)
Maharashtra Teachers Protest: शिक्षक व शिक्षकेत्तर संगठन समन्वय समिति की मांगों पर शासन की ओर से समाधान न मिलने के कारण शुक्रवार को राज्यभर के शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर स्कूल बंद आंदोलन किया। इसी क्रम में अमरावती जिले की सभी स्कूलें भी बंद रहीं। शिक्षक बड़ी संख्या में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर धरने पर बैठे तथा जिलाधिकारी आशीष येरेकर के माध्यम से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे को ज्ञापन भेजा गया।
आंदोलन में शामिल शिक्षक पदाधिकारियों ने कहा कि स्कूल बंद कर किसी को दबाव में लाना उद्देश्य नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों, शिक्षक तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के लंबित मुद्दों पर सरकार ने सकारात्मक निर्णय लेना ही हमारा एकमात्र मकसद है।
प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी और संस्था संचालक संगठनों के उत्स्फूर्त प्रतिसाद से आंदोलन सफल रहा। समन्वय समिति ने कहा कि अगर सरकार ने इस आंदोलन की गंभीरता को नहीं समझा और न्यायसंगत मांगों पर तत्काल निर्णय नहीं लिया, तो मजबूरन अधिक तीव्र आंदोलन किया जाएगा।
इस दौरान जिला अध्यक्ष अजयानंद पवार, शैलेंद्र दहातोंडे, राजेश सावरकर, गोकुलदास राउत, संभाजी रेवाले, प्रवीणा कोल्हे, सरीता काठोले, विनिता घुलक्षे, सुषमा वानखड़े सहित अनेक प्रतिनिधियों सहित सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थीं।
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शिक्षक समिति प्रसिद्धि प्रमुख राजेश सावरकर ने कहा कि स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं, सरकारी तथा अनुदानित स्कूलों में कार्यरत शिक्षक-कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा। स्कूलों का अस्तित्व संकट में होने के बावजूद सरकार कोई सकारात्मक कदम नहीं उठा रही। टीईटी जैसे मुद्दे पर शिक्षक-कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। इसी कारण राज्यभर में शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।