अमरावती विधानसभा सीट (सौ.डिजाइन फोटो)
Amravati Assemnly Seat: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा जहां पर हो चुकी हैं तो वहीं पर इधर राजनीतिक पार्टियां बड़ी ही सक्रिय भूमिका निभा रही है। महाराष्ट्र में महायुति और महाविकास आघाड़ी के नेता जीत के लिए किसी प्रकार की कसर नहीं छोड़ने वाले है। महाराष्ट्र में चुनाव 20 नवंबर को आयोजित किए जाने वाले है। इस चुनावी विश्लेषण में हम महाराष्ट्र विधानसभा की बड़ी सीट में से एक अमरावती विधानसभा सीट की बात कर रहे है।
महाराष्ट्र की अमरावती सीट पर इन दिनों घमासान देखने के लिए मिल रहा है जिसमें 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद से स्थिति अलग हो गई है यानि जो नेता उस दौरान चुनाव लड़ रहे थे वे अब किसी और पार्टी में अपनी जीत की तैयारी कर रहे है। यहां पर 2019 के चुनाव के नतीजों में जहां पर अमरावती की विधायक सुलभा खोडके ने कांग्रेस की सीट पर लड़ते हुए भाजपा के प्रत्याशी डॉ.सुनील देशमुख को मात दी थी। लेकिन अब सुनील देशमुख भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए है। जहां पर कांग्रेस के साथ जीत की तैयारी कर रहे है। इधर 2019 की विजेता विधायक सुलभा भी अब कांग्रेस से निलंबित हैं माना जा रहा है वे राकांपा से चुनाव लड़ सकती है।
यहां पर महायुती भाजपा की बात की जाए तो, वे पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी जगदीश गुप्ता को टिकट देने की तैयारी में है। मनसे की ओर से मंगेश उर्फ पप्पू पाटिल को चुनावी मैदान में उतारा जा रहा है। महाराष्ट्र में मुस्लिम मतदाता भी अधिक है इसके लिए एमआईएम द्वारा जल्द ही बड़ा चेहरे मैदान में दावेदार बनेगा। इसके साथ ही अमरावती सीट पर बड़ा घमासान देखने के लिए मिलने वाला है देखना दिलचस्प होगा कि, कौन सीट का असली दावेदार होता है।
यहां पर अमरावती विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए तो, यह निर्वाचन क्षेत्र 38 महाराष्ट्र विधानसभा के 288 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है और अमरावती जिले में स्थित आठ में से एक है । यहां पर अमरावती (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) के साथ-साथ पांच अन्य विधानसभा क्षेत्रों का एक हिस्सा है , अर्थात बडनेरा , तेओसा , दर्यापुर (एससी) , मेलघाट (एसटी) और अचलपुर को इसमें शामिल किया गया है। इसका आकंलन संसदीय एवं विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन आदेश, 2008 के अनुसार किया गया है।
1962 उमरलालजी केडिया भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967 के.एन. नवाथे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1972 दत्तात्रय मेटकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1978 सुरेन्द्र भुयार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1980-1985 देवीसिंह शेखावत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1990-1995 जगदीश गुप्ता भारतीय जनता पार्टी
1999- 2004सुनील देशमुख भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-
2009 रावसाहेब शेखावत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-
2014 सुनील देशमुख भारतीय जनता पार्टी
2019 सुलभा खोडके भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
यहां पर 2019 के चुनावी परिणाम की बात की जाए तो, कांग्रेस की सुलभा संजय खोडके ने 82,581 वोटों के साथ भाजपा के डॉ. सुनील देशमुख को 64,313 वोट से हराया था। इसके अलावा वंचित बहुजन अघाड़ी दल ने 17,103 वोट हासिल किए थे।