Share Market Online Scam सोर्सः एआय
Amravati Cyber Fraud: शेयर मार्केट में अधिक मुनाफे का लालच देकर मोबाइल ऐप के माध्यम से 52 लाख 5 हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी करने के मामले में अमरावती शहर साइबर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने एक अंतरराज्यीय साइबर गिरोह के एक आरोपी को मध्यप्रदेश से गिरफ्तार कर देशव्यापी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान राजकुमार मुल्लू केबट (24), निवासी पटेल कॉलोनी, पिपरिया, जिला नर्मदापुरम (मध्यप्रदेश) के रूप में हुई है। आरोपी के घर की तलाशी के दौरान 5 क्रेडिट/डेबिट कार्ड, 8 बैंक पासबुक, 3 चेकबुक, आधार कार्ड की छायाप्रतियां, 1 मोबाइल फोन और 2 रबर स्टैंप जब्त किए गए हैं।
तकनीकी जांच में सामने आया है कि आरोपी एक अंतरराज्यीय साइबर गिरोह का सक्रिय सदस्य है और उसके बैंक खातों के खिलाफ देश के 20 पुलिस थानों में शिकायतें दर्ज हैं। सभी संबंधित बैंक खातों को होल्ड कर दिया गया है। आरोपी को पुलिस रिमांड पर लेकर आगे की जांच की जा रही है। यह कार्रवाई पुलिस आयुक्त राकेश ओला, पुलिस उपायुक्त रमेश धुमाल, सहायक पुलिस आयुक्त शिवाजी बचाटे और साइबर पुलिस निरीक्षक महेंद्र अंभोरे के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस निरीक्षक अनिकेत कासार व उनकी टीम द्वारा की गई।
जांच में सामने आया है कि शिकायतकर्ता को ऐप पर रजिस्ट्रेशन के बाद शुरुआत में कम रकम निवेश करवाई गई। ऐप पर लगातार मुनाफा दिखने के कारण शिकायतकर्ता ने अलग-अलग बैंक खातों से कुल 52.05 लाख रुपये निवेश कर दिए। बाद में जब राशि निकालने का प्रयास किया गया, तो अतिरिक्त कमीशन और टैक्स की मांग की गई। तब जाकर ठगी का खुलासा हुआ।
पीड़ित ने अमरावती साइबर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद एनसीसीआर पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर भारतीय न्याय संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
ये भी पढ़े: Amravati: दर्यापुर-अंजनगांव में सियासी हलचल, बोंडे-लवटे की मुलाकात ने बढ़ाई चर्चाएं
पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता पहले से शेयर मार्केट में निवेश करता था। इसी दौरान उसे व्हाट्सएप पर ‘मोनार्क वेल्थ सर्कल’ नामक ग्रुप का लिंक भेजा गया। इसके बाद ‘मोनार्क डायरेक्ट डिलिंग अकाउंट’ खोलने के बहाने व्यक्तिगत जानकारी ली गई और उसे VIP 711 नामक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया। इसके बाद ‘मोनार्क फिन’ नामक ऐप डाउनलोड करवाकर ठगी को अंजाम दिया गया। इस मामले में 20 राज्यों में शिकायतें दर्ज होने से साइबर गिरोह के देशव्यापी नेटवर्क का खुलासा हुआ है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।